Property Update: यूपी में गलियों की संपत्ति पर नहीं लगेगा सर्किल रेट



उत्तर प्रदेश की संपत्ति रजिस्ट्री में नए बदलाव उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल: संपत्ति रजिस्ट्री के लिए सरल प्रक्रिया राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकार संपत्तियों की रजिस्ट्री…

उत्तर प्रदेश की संपत्ति रजिस्ट्री में नए बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल: संपत्ति रजिस्ट्री के लिए सरल प्रक्रिया

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सरकार संपत्तियों की रजिस्ट्री में सुधार लाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए लागू स्टांप ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने का काम किया जाएगा। अब मुख्य सड़क के आसपास की 100 मीटर की दूरी में आने वाली गलियों की संपत्तियों के लिए सर्किल रेट का मानदंड बदल जाएगा। इसके लिए सर्किल रेट के निर्धारित मानकों को 40 से घटाकर 15 किया जाएगा। इस प्रक्रिया को सरल बनाकर पूरे प्रदेश में एक समान फार्मेट लागू किया जाएगा।

स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि केवल 15 मानकों को लागू करने से सर्किल रेट की असमानता खत्म होगी। इससे पूरे प्रदेश में एक समान और पारदर्शी रियल एस्टेट व्यवस्था सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासनादेश जल्द ही जारी किया जाएगा। इससे न केवल स्टांप चोरी और रजिस्ट्री विवादों में कमी आएगी, बल्कि नागरिकों को अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने में अधिक सुविधाएं भी मिलेंगी।

रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार: अब शाम छह बजे तक जारी रहेगी रजिस्ट्री

मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि त्योहारों के समय संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे स्टांप एवं निबंधन कार्यालयों में भीड़ बढ़ गई है। वर्तमान में रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज़ चार बजे तक जमा करने की व्यवस्था है, जिससे कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए, अधिकारियों को 31 अक्टूबर तक रजिस्ट्री का कार्य शाम छह बजे तक करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने यह भी बताया कि वर्तमान में 5000 रुपये से अधिक निबंधन शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि तकनीकी समस्याओं के कारण लोग ऑनलाइन निबंधन शुल्क नहीं जमा कर पा रहे हैं, जिससे उनके संपत्ति की रजिस्ट्री में देरी हो रही है। ऐसे में, लोगों को राहत प्रदान करने के लिए, 31 अक्टूबर तक निबंधन शुल्क का नकद भुगतान करने की छूट भी दी गई है।

रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लाभ

  • सर्किल रेट निर्धारित मानकों में कमी के कारण संपत्ति की कीमतों में पारदर्शिता आएगी।
  • नागरिक अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री स्वयं कर सकेंगे, जिससे उन्हें किसी तरह की सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  • ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से सर्किल रेट की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी।
  • निबंधन शुल्क का नकद भुगतान करने की छूट से लोगों को समय पर रजिस्ट्री कराने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि इससे नागरिकों को एक बेहतर अनुभव भी मिलेगा। जब नागरिक अपने कार्यों को सहजता से कर सकेंगे, तो इससे राज्य की सम्पत्ति रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार होगा। आने वाले समय में यह उम्मीद की जा रही है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और सुगमता आएगी।

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