मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एमएसएमई सम्मेलन 2025 में शामिल होना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को होटल ताज फ्रंट में आयोजित होने वाले एमएसएमई सम्मेलन 2025 में शामिल होंगे। इस सम्मेलन का आयोजन प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के विकास और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सम्मेलन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य काश्यप भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमएसएमई विकास नीति के अंतर्गत प्रदेश के 48 जिलों की 700 से अधिक इकाइयों को एक क्लिक के माध्यम से 200 करोड़ रु से अधिक की अनुदान राशि अंतरित करेंगे। साथ ही, स्टार्टअप नीति 2025 के तहत प्रदेश के 80 से अधिक स्टार्टअप्स को 1 करोड़ रु से अधिक की सहायता राशि भी वितरित की जाएगी। यह कदम प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देने और नई नवाचारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
उद्यम क्रांति योजना के लाभार्थियों का सम्मान
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव एमएसएमई विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में 200 से अधिक उद्यमों को भूखंड आवंटन के आशय पत्र भी वितरित करेंगे। इसके साथ ही, वे 113.78 करोड़ रु की लागत से बनने वाले तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों का वर्चुअल शिलान्यास भी करेंगे। इसके अलावा, सेवा पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत 350 से अधिक हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 100 से अधिक लाभार्थियों को इस कार्यक्रम में ही हितलाभ वितरण किया जाएगा।
यह पहल न केवल व्यवसायियों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देती है। मुख्यमंत्री के इस कदम से उद्यमियों को नई संभावनाओं का सामना करने और नए व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
एमएसएमई विभाग और ओएनडीसी के बीच समझौता ज्ञापन
इस कार्यक्रम के दौरान एमएसएमई विभाग और ओएनडीसी (Open Network for Digital Commerce) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होंगे। इसके साथ ही, 7.57 करोड़ रु लागत से निर्मित होने वाले तीन नए कार्यालय भवनों का शिलान्यास भी किया जाएगा। इस सम्मेलन में उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव श्री राघवेंद्र कुमार सिंह की उपस्थिति में उद्यमी और स्टार्टअप संस्थापक अपने अनुभव साझा करेंगे। सत्रों में स्टार्टअप और निर्यात संवर्धन पर विशेष चर्चा होगी।
इस विशेष आयोजन में शाम को स्वदेशी एवं स्वावलंबन विषय पर एक परिचर्चा भी आयोजित की जाएगी, जो प्रदेश के उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस अवसर पर बालाघाट और टीकमगढ़ के उद्यमियों तथा उद्योग संघों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे, जिससे वे अपने विचार और अनुभव साझा कर सकें।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह कदम प्रदेश में एमएसएमई और स्टार्टअप्स के विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। यह सम्मेलन व्यापारिक समुदाय को एकजुट करने और नए अवसरों के निर्माण में सहायक होगा। प्रदेश के उद्यमियों को मिल रहे इस समर्थन से न केवल व्यवसायों की वृद्धि होगी, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अंत में, यह कहना उचित होगा कि ऐसे आयोजनों से प्रदेश की कारोबारी संभावनाओं में वृद्धि होती है और युवा उद्यमियों को प्रेरित करने का कार्य होता है। मुख्यमंत्री की यह पहल निश्चित रूप से मध्य प्रदेश के विकास में एक नई उम्मीद जगाएगी।