उज्जैन में वृद्ध माता-पिता के साथ मारपीट: पुत्र-पुत्रवधू गिरफ्तार
उज्जैन में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कलयुगी पुत्र और पुत्रवधू ने अपने वृद्ध माता-पिता के साथ मारपीट करते हुए उन्हें घर से निकाल दिया। यह घटना सोयाबीन फसल की हिस्सेदारी को लेकर हुई विवाद के चलते हुई, जिससे परिवार के बिखरने का एक और उदाहरण सामने आया है। इस मामले में जब बुजुर्ग दंपत्ति ने न्याय की गुहार लगाई, तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घटना का विवरण: विवाद और मारपीट
मामला 9 अक्टूबर 2025 का है, जब ग्राम गोयला बुजुर्ग निवासी सेवाराम, उम्र 62 वर्ष, ने थाना भैरवगढ़ पर रिपोर्ट दर्ज कराई। सेवाराम ने बताया कि उनके पुत्र कमल और पुत्रवधू राधा उनके साथ सोयाबीन की फसल के हिस्से को लेकर बहस कर रहे थे। इसी विवाद के चलते दोनों ने वृद्ध दंपत्ति के साथ मारपीट की और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। जब यह दंपत्ति अपने सम्मान और अधिकार के लिए थाने पहुंचे, तो उन्होंने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
पुलिस कार्रवाई: आरोपियों की गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। थाना प्रभारी आर.एस. शक्तावत के निर्देशन में एक टीम का गठन किया गया, जिसने आरोपियों की तलाश शुरू की। कुछ ही समय में कमल और राधा को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें भैरवगढ़ जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के तहत विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
समाज के लिए चिंता का विषय
स्थानीय नागरिकों के लिए यह घटना गंभीर चिंता का विषय है। बुजुर्गों के प्रति इस तरह के व्यवहार को देखकर समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नितेश भार्गव और नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पा प्रजापति ने इस मामले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि समाज में ऐसा व्यवहार करने वालों को सख्त संदेश मिले।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि पारिवारिक बिखराव के ऐसे उदाहरण समाज के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बुजुर्गों का सम्मान करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। समाज में प्रेम और सम्मान का माहौल बनाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
बुजुर्गों के अधिकारों की सुरक्षा
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि बुजुर्गों के अधिकारों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। भारत में अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत बुजुर्गों को उनके अधिकारों का संरक्षण मिलना चाहिए। ऐसे मामलों में न केवल कानूनी कार्रवाई की जरूरत है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी आवश्यक है।
निष्कर्ष
उज्जैन की इस घटना ने समाज के सामने एक गंभीर प्रश्न खड़ा कर दिया है। क्या हम अपने बुजुर्गों का सम्मान कर रहे हैं? क्या हम उन्हें वह सुरक्षा दे पा रहे हैं, जिसके वे हकदार हैं? इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन समाज के हर सदस्य को आगे आकर बुजुर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।
यह घटना न केवल एक परिवार की कहानी है, बल्कि यह समाज में बुजुर्गों के प्रति बढ़ती असंवेदनशीलता को दर्शाती है। हमें इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।