Bhopal News: Cold, Cough और Fever तेजी से बढ़ रहे हैं बच्चों में, 25% माता-पिता कर रहे हैं Medicine का प्रिस्क्रिप्शन



राजधानी भोपाल में सर्दियों में बच्चों के स्वास्थ्य पर चिंता सर्दी का मौसम आते ही राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामलों में…

राजधानी भोपाल में सर्दियों में बच्चों के स्वास्थ्य पर चिंता

सर्दी का मौसम आते ही राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बच्चों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। राजधानी के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश भार्गव ने बताया कि इस समय अस्पतालों में वायरल इंफेक्शन से ग्रसित बच्चों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच एक चिंताजनक तथ्य यह है कि लगभग 25% माता-पिता बिना डॉक्टर की सलाह के ही अपने बच्चों को दवाएं दे रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉ. भार्गव ने बताया कि मौसम के बदलाव के साथ ही बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे वे विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमणों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। ऐसे में माता-पिता को सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे छोटी-छोटी बीमारियों में भी गंभीर स्थिति में पहुँच जाते हैं। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों की सेहत को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए।

बिना सलाह लिए दी जा रही कफ सिरप, हो सकता है बड़ा नुकसान

डॉ. भार्गव ने कहा कि सर्दी-खांसी की शिकायत में कई लोग मेडिकल स्टोर से बिना डॉक्टर की सलाह के मनमाने तरीके से कफ सिरप खरीदकर बच्चों को दे रहे हैं। उन्होंने इस पर स्पष्ट चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की कफ सिरप बिना डॉक्टर की सलाह के न दी जाए। ऐसा करने से बच्चों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने छिंदवाड़ा में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना एक बड़ी सीख है।

हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर कफ सिरप नुकसानदेह हो, लेकिन एक ही कॉम्बिनेशन की कई दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं, और सावधानी बरतना आवश्यक है। डॉक्टर ने कहा कि माता-पिता को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों की सेहत सबसे पहले आती है।

तेज बुखार में दें सिर्फ पैरासिटामोल, वह भी सीमित मात्रा में

डॉ. भार्गव ने सलाह दी कि अगर बच्चे को तेज बुखार है और डॉक्टर से तुरंत संपर्क संभव नहीं है, तो पैरासिटामोल सिरप दिया जा सकता है। यह अपेक्षाकृत सुरक्षित है, लेकिन यदि बुखार ज्यादा बढ़ जाए या लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है। पैरासिटामोल की सीमित मात्रा का ही उपयोग करना चाहिए, ताकि बच्चे की सेहत पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

बाहर के पैक्ड फूड से बचें, मौसमी फल-सब्जियां खिलाएं

बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए डॉ. भार्गव ने माता-पिता से अपील की कि वे बाहर के पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड से बच्चों को दूर रखें। इसके बजाय मौसमी फल और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “यह भ्रम न पालें कि फल ठंडे होते हैं, इसलिए नुकसानदायक हैं। जो फल इस मौसम में आते हैं, वे शरीर के लिए अनुकूल होते हैं।”

डॉ. भार्गव ने कहा कि सर्दियों में हरी सब्जियों और मौसमी फलों का सेवन बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह उनके शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

डॉक्टर की 5 अहम सलाह

  • बच्चों को कफ सिरप बिना सलाह के न दें।
  • तेज बुखार में सीमित मात्रा में पैरासिटामोल सिरप दिया जा सकता है।
  • डॉक्टर से परामर्श लिए बिना कोई दवा न लें।
  • बाहर के पैक्ड फूड और जंक फूड से बचें।
  • बच्चों को मौसमी फल-सब्जियां रोजाना खिलाएं।

स्वस्थ बचपन के लिए जिम्मेदार अभिभावक बनें

डॉ. भार्गव ने कहा कि दिवाली के बाद सर्दियों का मौसम तेजी से दस्तक देगा। ऐसे में बच्चों की सेहत को लेकर अभिभावकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। बीमारी की छोटी शुरुआत को नजरअंदाज करना या खुद से इलाज शुरू कर देना भविष्य में बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।

अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों का सही देखभाल करना ही उनके स्वस्थ भविष्य की नींव रखता है।

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