जम्मू एवं कश्मीर कांग्रेस ने चौथे राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का किया निर्णय
जम्मू एवं कश्मीर कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) द्वारा प्रस्तावित चौथे राज्यसभा सीट पर चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। पार्टी का कहना है कि इस सीट की सुरक्षा और स्थिरता को लेकर उनके मन में चिंताएं हैं।
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जम्मू एवं कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारीक हामिद कर्रा ने कहा कि पार्टी ने आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर विस्तृत चर्चा की थी। उन्होंने कहा, “सभी का एकमत था कि हमारी केंद्रीय नेतृत्व ने एक सुरक्षित सीट, यानी सीट नंबर 1 या 2 की मांग की थी। हालांकि, एनसी ने हमें सीट नंबर 4 पेश की, जो कि अपेक्षाकृत कम सुरक्षित है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, हमने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि हम इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे और अपने गठबंधन सहयोगियों को इस पर निर्णय लेने के लिए छोड़ रहे हैं।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपनी स्थिति का किया औपचारिक संज्ञान
कर्रा ने आगे बताया कि कांग्रेस ने अपनी स्थिति को नेशनल कॉन्फ्रेंस को औपचारिक रूप से अवगत कराया है। “हमने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को एक पत्र भेजा जिसमें हमारे दृष्टिकोण को स्पष्ट किया गया। उन्होंने हमें इसे डॉ. फारूक अब्दुल्ला के पास भेजने की सलाह दी, जिसे हमने कर दिया है। लेकिन अब तक हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है,” कर्रा ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के सदस्यों द्वारा उठाई गई आंतरिक चिंताओं का भी उन्होंने जिक्र किया, जिसमें शासन की खामियां, विकास संबंधी मुद्दे और गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय समिति की अनुपस्थिति शामिल हैं। “हमने इन चिंताओं के साथ-साथ राज्यसभा चुनावों और गठबंधन से संबंधित व्यापक मुद्दों पर अपने विचारों को पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष आगे रखा है,” कर्रा ने कहा।
आगामी उपचुनावों के लिए कांग्रेस का संवाद करने का इरादा
राज्य विधानसभा की दो सीटों के लिए आगामी उपचुनावों के संबंध में कर्रा ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम इस संबंध में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ अपने संवाद के चैनल खोलेंगे और बातचीत करेंगे।”
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू एवं कश्मीर कांग्रेस ने अपने गठबंधन को प्राथमिकता दी है और राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखने का प्रयास कर रही है। पार्टी का यह कदम न केवल अपने सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखता है, बल्कि यह गठबंधन के भीतर एकजुटता को भी दर्शाता है।
राज्यसभा चुनावों में प्रतिस्पर्धा की स्थिति में सुरक्षा और विकास जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। इस स्थिति में कांग्रेस का यह निर्णय उनके दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो उन्हें आगामी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा।
समापन विचार
इस प्रकार, जम्मू एवं कश्मीर कांग्रेस ने चौथे राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का जो निर्णय लिया है, वह न केवल उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह अपने गठबंधन के भीतर एक सकारात्मक संवाद को भी बढ़ावा देने का प्रयास है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच यह संवाद आगे बढ़ता है और क्या इससे राजनीतिक स्थिरता में सुधार होता है।