जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर बस आग में 20 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर एक भीषण बस आग में 20 लोगों के tragical loss पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के लिए तुरंत आर्थिक सहायता की घोषणा की।
पीएम कार्यालय की ओर से एक भावुक बयान में कहा गया: “राजस्थान के जैसलमेर में हुई इस दुर्घटना में जानों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। इस कठिन समय में प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मैं घायल लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं। पीएमएनआरएफ से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायल व्यक्तियों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।”
राष्ट्रपति और अन्य नेताओं की संवेदनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्र के दुख को साझा करते हुए अपनी आधिकारिक X हैंडल पर लिखा: “जैसलमेर, राजस्थान में बस की आग के कारण जानों के नुकसान की खबर सुनकर अत्यंत दुख हुआ। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायल लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।”
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा, “जैसलमेर-जोद्धपुर हाईवे पर बस में आग लगने से हुई जानों की हानि अत्यंत हृदय विदारक है। मैं इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान departed souls को शांति दे और जितने संभव हो सके यात्रियों की रक्षा करे।”
भयानक आग की घटना का विवरण
यह भयानक आग मंगलवार को लगभग 3:30 बजे एक वातानुकूलित स्लीपर बस में लगी, जो 57 यात्रियों को जोधपुर ले जा रही थी। कुछ ही क्षणों में, आग—जिसके पीछे एक दोषपूर्ण एयर कंडीशनिंग यूनिट का होना संदेह किया जा रहा है—ने वाहन को Thaiyat गांव के पास घेर लिया, जिससे कई लोग अंदर फंस गए क्योंकि दरवाजे reportedly jam हो गए।
सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में मोटे काले धुएं और बचाव के लिए प्रयासरत स्थानीय लोगों की चीखें सुनाई दे रही हैं। स्थानीय निवासियों और रास्ते से गुजरने वाले लोगों ने घायलों को बचाने के लिए तड़पते हुए प्रयास किए।
आग में मारे गए लोगों की पहचान और बचाव कार्य
पोकरण के विधायक प्रताप पुरी ने पुष्टि की कि 19 शव जले हुए मलबे से निकाले गए हैं, जबकि एक यात्री जोधपुर जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। गंभीर जलने के कारण पीड़ितों की पहचान में कठिनाई हो रही है, जिसके चलते अधिकारियों ने पहचान के लिए डीएनए परीक्षण का आदेश दिया है।
मृतकों में कई परिवार शामिल हैं, जिनमें कम से कम तीन बच्चे और चार महिलाएं भी हैं, जो जैसलमेर की तीर्थ यात्रा से लौट रहे थे।
घायलों की स्थिति और सरकार की प्रतिक्रिया
15 से अधिक बचे लोगों में से, 30 वर्षीय इमामत और उसका बेटा गंभीर रूप से जल गए हैं। उन्हें चेहरे, हाथों और पैरों पर गंभीर जलन का सामना करना पड़ा है। आठ एंबुलेंस ने 16 घायलों को जोधपुर के एआईआईएमएस में ले जाने के लिए पुलिस-घोषित ग्रीन कॉरिडोर का इस्तेमाल किया, जबकि तीन अन्य एंबुलेंस ने पहले बचे लोगों को जैसलमेर के जौहर अस्पताल पहुंचाया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जोधपुर के लिए दौड़ते हुए इस घटना को “हृदय विदारक” बताया और मृतक परिवारों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के साथ-साथ घायलों के लिए मुफ्त उपचार की घोषणा की।
भविष्य की सुरक्षा पर चर्चा
शर्मा ने कहा, “हमने प्रभावित लोगों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल और सभी संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है,” और सुरक्षा में चूक की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच शुरू की। स्थानीय ग्रामीणों ने यात्रियों को मुक्त करने के लिए खिड़कियां तोड़ने के प्रयास की सराहना की, हालांकि एक 22 वर्षीय किसान ने इस प्रयास के दौरान धुएं का शिकार हो गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बस सुरक्षा मानदंडों को सख्त करने की मांग की है, यह कहते हुए कि राजस्थान में 2024 में 14,000 से अधिक सड़क मौतें हुईं। विशेषज्ञ अब अनिवार्य अग्निशामक प्रणाली और एसी यूनिट की जांच की मांग कर रहे हैं।