Bihar News: चंचल सिंह कौन हैं? तेजस्वी यादव को देंगे चुनौती



बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया के बीच जन सुराज पार्टी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। पार्टी ने राघोपुर सीट…

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया के बीच जन सुराज पार्टी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। पार्टी ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट को लेकर लंबे समय से यह चर्चा थी कि जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर खुद चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन उन्होंने सबको चौंकाते हुए एक नया कदम उठाया है।

उदय सिंह ने चंचल सिंह को पार्टी का सिंबल सौंपा

जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने 14 अक्टूबर को चंचल सिंह को पार्टी का सिंबल सौंपा। इस कदम के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि राघोपुर में इस बार तेजस्वी यादव के सामने जन सुराज के उम्मीदवार के रूप में चंचल सिंह चुनावी मुकाबले में उतरेंगे। उल्लेखनीय है कि जन सुराज पार्टी अब तक दो चरणों में कुल 116 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, जबकि राघोपुर का नाम पहले दो सूचियों में शामिल नहीं था।

कौन हैं चंचल सिंह?

चंचल सिंह, जो कि 37 वर्ष के हैं, राजपूत समुदाय से आते हैं और पहले जेडीयू के व्यापारिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव रह चुके हैं। वे एक व्यवसायी हैं और होटल तथा रियल एस्टेट के क्षेत्र में सक्रिय हैं। चंचल ने जेडीयू की कई रैलियों में संयोजक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके अलावा, उन्होंने नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत सोनपुर और सिमरिया घाट के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके पास हाजीपुर और विदुपुर में कई व्यावसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट हैं। नई दिल्ली में भी उनका होटल व्यवसाय फैला हुआ है, जिससे उनकी पहचान और भी मजबूत हुई है।

प्रशांत किशोर का रणनीतिक दांव

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा थी कि प्रशांत किशोर खुद राघोपुर या रोहतास की करगहर सीट से चुनावी मुकाबले में उतर सकते हैं। लेकिन, अब दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। राघोपुर को लेकर प्रशांत किशोर ने पहले ही तेजस्वी यादव को सीधी चुनौती दी थी। उन्होंने 11 अक्टूबर को अपने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था, “अगर तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें दो सीटों से नामांकन करना पड़ सकता है, क्योंकि राघोपुर में उनका हाल राहुल गांधी के अमेठी जैसा होगा।”

PK ने खुद चुनाव न लड़कर चंचल सिंह को मैदान में उतारा

प्रशांत किशोर के इस बयान ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी थी। अब, जब उन्होंने खुद चुनाव न लड़कर चंचल सिंह को मैदान में उतारा है, तो इसे एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है। जन सुराज पार्टी स्थानीय चेहरों को आगे लाकर क्षेत्रीय स्तर पर अपनी जड़ें मजबूत करना चाहती है, जो कि एक दूरदर्शी राजनीतिक दृष्टिकोण है।

तेजस्वी 15 अक्टूबर को करेंगे नामांकन

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव 15 अक्टूबर को राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह उनकी लगातार तीसरी बार इस सीट से चुनावी लड़ाई होगी। वे 2015 में पहली बार इस सीट से विधायक बने थे और इसके बाद उपमुख्यमंत्री बने। 2020 में भी उन्होंने इसी सीट से दोबारा जीत हासिल की थी, जो उनकी राजनीतिक सफलता का प्रतीक है।

मुकाबला हो सकता है दिलचस्प

राघोपुर सीट अब तेजस्वी यादव बनाम जन सुराज के नए चेहरे चंचल सिंह के बीच एक दिलचस्प मुकाबला बन चुकी है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव अपने अनुभव और जनाधार के बल पर चुनावी मैदान में हैं, वहीं दूसरी ओर जन सुराज पार्टी इस सीट को अपनी राजनीतिक पैठ का प्रतीक बनाना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राघोपुर का मुकाबला इस बार केवल दो उम्मीदवारों का नहीं, बल्कि दो राजनीतिक विचारधाराओं – संगठन आधारित राजनीति बनाम चेहरे आधारित राजनीति का भी प्रतीक बनने जा रहा है।

निष्कर्ष: आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में राघोपुर सीट पर होने वाला मुकाबला निश्चित रूप से दिलचस्प होगा। चंचल सिंह की उम्मीदवारी और तेजस्वी यादव का अनुभव दोनों ही इस चुनाव को एक नई दिशा में ले जा सकते हैं। इस बार बिहार की राजनीति में जोश और उत्साह का माहौल बना हुआ है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में रोमांच बना रहेगा।

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