जम्मू-कश्मीर में आतंक पीड़ितों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में तेजी
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। यह मुलाकात कुपवाड़ा के सीमांत गांव डार्डपोरा में हुई, जहां उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित लोगों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूत बयान दिए कि पीड़ितों को न्याय मिले और आतंकवाद के दुष्प्रभावों से प्रभावित परिवारों को लंबे समय से जरूरी सहायता प्रदान की जाए।
सिन्हा ने वादा किया कि जम्मू और कश्मीर में आतंक के शिकार सभी व्यक्तियों को न्याय मिलेगा और कोई भी परिवार शांति और प्रगति की इस यात्रा में पीछे नहीं रहेगा। इस दिशा में उन्होंने कुपवाड़ा के उप जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे आतंक पीड़ितों से संबंधित लंबित मामलों को विशेष पुनर्वास कार्यक्रम के तहत तेजी से निपटाएं।
आतंक पीड़ितों को रोजगार देने का वादा
उपराज्यपाल ने बताया कि अब तक **250 से अधिक** लोगों को आतंकवादियों के हाथों पीड़ित होने के कारण सरकारी नौकरियाँ प्रदान की जा चुकी हैं। इसके साथ ही, अधिक आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल वास्तविक मामलों को ही सहायता दी जाएगी, जिनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है।
सिन्हा ने यह भी उल्लेख किया कि प्रशासन विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिसमें केरल से एक संगठन शामिल है, जिसका उद्देश्य कुपवाड़ा में सीमा पार से होने वाली गोलाबारी के कारण नष्ट हुए घरों का पुनर्निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद के कार्यों से लाभ उठाने वाले तत्वों का युग समाप्त हो चुका है” और आतंकवाद के समर्थकों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई “रेडलाइन” खींची है।
परिवारों को सहायता और पुनर्वास की पेशकश
उपराज्यपाल ने परिवारों को आश्वस्त किया कि उनके वर्षों के “आघात, कष्ट और पीड़ा” समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने यह प्रतिबद्धता जताई कि सरकार उन्हें “अपनी जिंदगी फिर से हासिल करने” के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी और उन प्रणालीगत बाधाओं को दूर करेगी जो पहले उनके विकास में रुकावट डालती थीं।
यह यात्रा आतंकवाद से प्रभावित लोगों के लिए आजीविका सहायता, न्याय और पुनर्वास प्रदान करने के उद्देश्य से एक विशेष कल्याण अभियान का हिस्सा थी। सिन्हा ने यह भी कहा कि हर जिले को ऐसे परिवारों के पुनर्वास की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
पुनर्वास के लिए विशेष पहल और योजनाएँ
यह पहल हाल के प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें 2025 में श्रीनगर और जम्मू में आतंक पीड़ितों के परिवारों को सैकड़ों नौकरी नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। इसके अलावा, प्रशासन ने राहत और पुनर्वास प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक वेब पोर्टल और हेल्पलाइन स्थापित की है।
सिन्हा की इस पहल से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि सरकार आतंकवादियों द्वारा उत्पीड़ित परिवारों के पुनर्वास और उनकी भलाई के लिए गंभीरता से काम करेगी। यह कदम न केवल न्याय प्रदान करेगा, बल्कि समाज में शांति और स्थिरता लाने में भी मदद करेगा।