Durgapur Gang-Rape: कोर्ट ने आरोपियों को 10 दिन की हिरासत में भेजा, BJP ने शुरू किया विरोध



दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन युवकों की 10 दिन की पुलिस रिमांड पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में हाल ही में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन…

दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन युवकों की 10 दिन की पुलिस रिमांड

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में हाल ही में हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन युवकों को रविवार को स्थानीय अदालत ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अभियुक्तों को दुर्गापुर उप-न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायाधीश ने आगे की जांच के लिए उन्हें 10 दिन तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, तीनों युवकों ने एक मेडिकल छात्रा पर हमला किया, उसके मोबाइल फोन को चुरा लिया और उसके बैग से 5,000 रुपये भी चोरी किए। इस मामले में पुलिस के स्रोतों ने पुष्टि की है कि पीड़िता का मोबाइल फोन अभियुक्तों के कब्जे से बरामद कर लिया गया है। पुलिस का दावा है कि उनके पास सभी तीन व्यक्तियों को अपराध से जोड़ने वाले सीधे सबूत हैं। इस बीच, इस घटना ने राजनीतिक हलचल मचा दी है, जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। घटना स्थल पर एक फोरेंसिक टीम भी पहुंची और सबूत इकट्ठा किए।

अभियुक्तों की पहचान और आगे की जांच

दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान सेख रियाजुद्दीन, आपु बौरी, और फिरदोश सेख के रूप में हुई है। पुलिस अन्य दो अभियुक्तों की तलाश कर रही है और इस संबंध में खोजबीन शुरू कर दी है।

शुक्रवार को ओडिशा की एक दूसरी वर्ष की मेडिकल छात्रा को दुर्गापुर के कैंपस के बाहर खाने के लिए अपने पुरुष मित्र के साथ बाहर जाने के बाद सामूहिक बलात्कार का शिकार होना पड़ा। पुलिस के मुताबिक, छात्रा अपने मित्र के साथ बाहर गई थी, तभी कुछ युवकों ने मोटरसाइकिल पर आकर उन पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।

आरोपी कथित तौर पर छात्रा के पुरुष मित्र को डराकर भगा देते हैं और उसे कैंपस के पीछे के जंगल में ले जाकर सामूहिक बलात्कार करते हैं।

पीड़िता की स्थिति और पुलिस की कार्रवाई

अभियुक्तों ने पीड़िता का मोबाइल फोन छीन लिया और उसे फेंक दिया। पीड़ित छात्रा के मित्र ने अन्य छात्रों के साथ मिलकर वापसी की और घायल छात्रा को जमीन पर पाया। उसे तुरंत एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

दुर्गापुर न्यू टाउनशिप पुलिस में पांच व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। घटना के बाद, पुलिस ने पीड़िता के मित्र को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उप-मजिस्ट्रेट रंजना रॉय ने भी पीड़िता से बात की और उसका बयान दर्ज किया।

पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें पीड़िता के मित्र के सामने पेश किया। मेडिकल छात्रा के सहपाठी ने तीनों अभियुक्तों की पहचान की। इसके अलावा, पीड़िता को अभियुक्तों की तस्वीरें भी दिखाई गईं, जिन्हें उसने पहचाना।

परिवार की चिंता और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस बीच, दुर्गापुर बलात्कार पीड़िता के पिता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील की कि उन्हें अपनी बेटी को ओडिशा ले जाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि उनका कहना है कि यहाँ उनकी सुरक्षा को खतरा है। उन्होंने मीडिया से कहा, “मेरी बेटी दर्द में है। वह अभी चल नहीं सकती। वह बिस्तर पर है। मैं यहाँ उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूँ। वे यहाँ किसी भी समय उसकी जान ले सकते हैं। इसलिए हम उसे ओडिशा ले जाना चाहते हैं।”

पश्चिम बंगाल डॉक्टर फोरम ने इस घटना को एक भयावह याद बताया कि महिलाएं शैक्षणिक संस्थानों के भीतर भी असुरक्षित हैं और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। इस संगठन के सदस्यों ने ‘आभया मंच’ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर दुर्गापुर के अस्पताल का दौरा किया, जहां पीड़िता का इलाज चल रहा है।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता, जिनमें लॉकेट चटर्जी शामिल हैं, को दुर्गापुर के अस्पताल में जाने से रोका गया। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद, भाजपा नेताओं ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिसकर्मियों से पूछा कि उन्हें पीड़िता से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। चटर्जी ने सवाल उठाया, “यह अस्पताल ‘आपातकालीन’ भवन कहलाता है, लेकिन यह बंद है। इसे 24 घंटे खुला रहना चाहिए। पुलिस मुख्यमंत्री के निर्देशों के कारण अंदर है। पुलिस को अंदर क्यों होना चाहिए?”

इस घटना ने एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है और सभी पक्षों द्वारा मामले की गंभीरता को समझा जा रहा है।

(IANS के इनपुट के साथ)

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