Review: कंगना रनौत ने ‘कांतारा चैप्टर 1’ को बताया आदिवासियों के लिए महत्वपूर्ण



कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कांतारा चैप्टर 1’ हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है। यह पौराणिक ड्रामा 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज…

कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कांतारा चैप्टर 1’ हाल ही में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है। यह पौराणिक ड्रामा 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुआ और मात्र 12 दिनों के भीतर ही इसने ₹450 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है। इस फिल्म को न केवल दर्शकों की सराहना मिल रही है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नाम भी इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा, फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा, अभिनेता अनुपम खेर, सुनील शेट्टी, और क्रिकेटर केएल राहुल जैसे दिग्गजों ने भी इस फिल्म की तारीफ की है।

अब इस प्रशंसा की लहर में अभिनेत्री और राजनेता कंगना रनौत का नाम भी शामिल हो गया है। उन्होंने फिल्म में प्रदर्शित देव संस्कृति के चित्रण की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी फिल्में “आदिवासियों के धर्मांतरण (Conversion) को रोकने में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।” आइए जानते हैं कंगना ने इस संदर्भ में और क्या कहा है।

कंगना रनौत का ‘कांतारा चैप्टर 1’ के प्रति प्रेम

दरअसल, एक सोशल मीडिया यूजर ने हिमालय की देव संस्कृति और दक्षिण भारत की परंपराओं को जोड़ते हुए ‘कांतारा’ फ्रैंचाइजी की सराहना की थी। यूजर ने लिखा, “कांतारा ने जो दिखाया है, वह सच्चाई है। मैंने जब तक यह फिल्म नहीं देखी, तब तक मुझे दक्षिण भारत की इस परंपरा के बारे में कुछ नहीं पता था। यह फिल्म हिंदू धर्म की विशालता और स्थानीय देवताओं से जुड़ाव को खूबसूरती से दर्शाती है।”

कंगना रनौत ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “बहुत बढ़िया, ऐसी फिल्में आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने में भी अहम साबित हो सकती हैं।” उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और नेटिजन्स इसे खूब शेयर कर रहे हैं।

यहां देखें कंगना रनौत का ट्वीट-

‘कांतारा चैप्टर 1’ की कहानी और मुख्य कलाकार

‘कांतारा चैप्टर 1’ का निर्देशन खुद ऋषभ शेट्टी ने किया है। इस फिल्म में रुक्मिणी वसंत, गुलशन देवैया और जयराम जैसे सितारे मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 2022 की ब्लॉकबस्टर ‘कांतारा’ की प्रीक्वल है, जो दर्शकों को बूटा कोला रिचुअल की जड़ों और देव संस्कृति की प्राचीन परंपराओं की यात्रा पर ले जाती है।

फिल्म में लोककथा, अध्यात्म और पौराणिकता का एक अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत किया गया है, जिसने दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने न केवल मनोरंजन किया है, बल्कि एक संदेश भी दिया है जो समाज के विभिन्न पहलुओं को छूता है।

कांतारा चैप्टर 1 ने दिखाया है कि भारतीय सिनेमा में ऐसी कहानियों की कितनी अधिक आवश्यकता है, जो हमारे अतीत और संस्कृति को जिंदा रखती हैं। यह न केवल एक फिल्म है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी है जो हमें हमारे मूल्यों और परंपराओं के प्रति जागरूक करता है।

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