अनिल अंबानी को बड़ा झटका: रिलायंस पावर के CFO अशोक कुमार पाल गिरफ्तार



उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस पावर…

रिलायंस पावर के CFO अशोक कुमार पाल गिरफ्तार

उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस पावर लिमिटेड (Reliance Power) के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी दिल्ली में हुई है। उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हिरासत में लिया गया है। इस गिरफ्तारी से अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर ED की बढ़ती सख्ती का संकेत मिलता है, जो पहले से ही कई बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच के दायरे में हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, CFO अशोक कुमार पाल से बीती रात ED के दिल्ली कार्यालय में गहन पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि आज (11 अक्टूबर, 2025) उन्हें रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।


क्या है पूरा मामला? ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी का आरोप

यह गिरफ्तारी सीधे तौर पर ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी जारी करने के मामले से जुड़ी हुई है। ED के अधिकारियों के मुताबिक, यह पूरा मामला एक ओडिशा आधारित कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (Biswal Tradlink Private Limited) और अनिल अंबानी समूह की सहायक कंपनियों के बीच कथित सांठगांठ से संबंधित है।

मामले के मुख्य बिंदु:

  • फर्जी गारंटी: आरोप है कि बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जी बैंक गारंटी जारी की।
  • लाभार्थी कंपनी: इस फर्जी गारंटी का इस्तेमाल रिलायंस एनयू बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (Reliance NU BESS) लिमिटेड जैसी समूह की सहायक कंपनियों को अवैध रूप से फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
  • जांच में खुलासा: यह फर्जी गारंटी वास्तव में सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को जमा की गई थी, लेकिन जांच में यह 68.2 करोड़ रुपये की गारंटी नकली पाई गई।
  • कमीशन और मनी लॉन्ड्रिंग: ED की जांच में यह भी सामने आया है कि बिस्वाल ट्रेडलिंक ने इस फर्जी गारंटी को जारी करने के लिए 8% कमीशन लिया था। इस अवैध धनराशि को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कई अनडिस्क्लोज्ड (अघोषित) खातों के माध्यम से रूट किया गया।
  • सबूत मिटाने की कोशिश: जांच एजेंसी ने एक और गंभीर खुलासा किया कि आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए टेलीग्राम के डिसअपीयरिंग मैसेज फीचर का भी इस्तेमाल किया था, जिससे मामले की गंभीरता और भी बढ़ जाती है।

अनिल अंबानी समूह पर ED की लगातार कार्रवाई

CFO अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी अनिल अंबानी समूह पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही लगातार जांच का हिस्सा है।

ED और बैंक फ्रॉड से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम:

  • छापेमारी और जांच (जुलाई 2025): इससे पहले, जुलाई 2025 में ED ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई ₹17,000 करोड़ से अधिक के लोन फ्रॉड मामले की जांच से संबंधित थी।
  • बिस्वाल ट्रेडलिंक के एमडी की गिरफ्तारी (अगस्त 2025): अगस्त 2025 में, ED ने एक अन्य ₹3,000 करोड़ के लोन फ्रॉड केस में बिस्वाल ट्रेडलिंक के मैनेजिंग डायरेक्टर को भी गिरफ्तार किया था, जो इस पूरी कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • SBI की शिकायत: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने जून 2025 में रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी के खाते को ‘फ्रॉड’ (धोखाधड़ी) घोषित किया था और इस संबंध में CBI में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई थी।

रिलायंस पावर के CFO की यह गिरफ्तारी, अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के खिलाफ चल रही आर्थिक अनियमितताओं की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और यह दर्शाता है कि नियामक एजेंसियां इन मामलों में किसी भी बड़े अधिकारी को छोड़ने के मूड में नहीं हैं।

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