छठ पूजा: छठ महापर्व की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार की सुबह पटना प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने एक व्यापक निरीक्षण अभियान का आयोजन किया। इस निरीक्षण में जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा, नगर आयुक्त यशपाल मीणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ थे। यह निरीक्षण लगभग तीन घंटे तक चला, जिसमें काली मंदिर (दरभंगा हाउस) से लेकर गायघाट तक के करीब 28 प्रमुख घाटों की स्थिति का बारीकी से आकलन किया गया।
पक्के घाटों की सफाई और बैरिकेडिंग की योजना
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कई पक्के घाटों की सीढ़ियों पर मिट्टी और कीचड़ जमी हुई है। प्रमंडलीय आयुक्त ने नगर निगम को निर्देश दिया कि रानी घाट, घघा घाट, रौशन घाट, कृष्णा घाट और बहरवा घाट सहित अन्य घाटों की तत्काल सफाई की जाए। इसके अलावा, उन्होंने दीपावली के आसपास सभी घाटों पर बैरिकेडिंग का कार्य शुरू करने का भी आदेश दिया। खतरनाक घाटों को लाल रंग के कपड़े से घेरने और सुरक्षा के लिए बड़े अक्षरों में घाट का नाम और नियंत्रण कक्ष का नंबर लिखने के निर्देश भी दिए गए।
गंगा के जलस्तर की चिंता
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने गंगा नदी के जलस्तर को एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में रेखांकित किया। बताया गया कि इस वर्ष छठ पर्व पिछले साल की तुलना में करीब 10 दिन पहले पड़ रहा है और वर्तमान में जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। जल संसाधन विभाग ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों में गांधी घाट पर जलस्तर में 19 सेंटीमीटर की कमी आई है और पर्व के समय यह 45 से 46 मीटर के बीच रहने की संभावना है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सख्त निर्देश
प्रमंडलीय आयुक्त ने निरीक्षण के बाद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं और छठव्रतियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि काली मंदिर से गायघाट और पटना सिटी की ओर लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष छठ करने आते हैं, इसलिए सभी व्यवस्थाओं को मजबूत और त्रुटिहीन रखना अनिवार्य है। उन्होंने सफाई व्यवस्था, प्रकाश, सुरक्षा, बैरिकेडिंग और आपातकालीन सेवाओं की तैनाती को लेकर भी समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी अपने सेक्टर में अनुपस्थित पाए गए। इस पर आयुक्त ने कड़ी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी को उनसे स्पष्टीकरण मांगने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि छठ पर्व की तैयारियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी अधिकारियों को समय पर ड्यूटी पर उपस्थित रहना होगा।
छठ पर्व के महत्व और श्रद्धालुओं की संख्या
छठ पूजा एक प्राचीन और महत्वपूर्ण पर्व है, जो खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी माईं की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास रखते हैं और सूर्यास्त और सूर्योदय के समय जल में खड़े होकर सूर्य देवता की आराधना करते हैं। इस महापर्व के दौरान लाखों श्रद्धालु अपने परिवार के साथ घाटों पर पहुँचकर पूजा अर्चना करते हैं।
छठ पूजा के आयोजन में प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना, सुरक्षा सुनिश्चित करना और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना प्रशासन की जिम्मेदारी होती है। इस बार प्रशासन ने पूरी तैयारी की है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
बिहार चुनाव 2025: मांझी ने चिराग को चेतावनी दी है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं, जिससे घटक दलों के बीच सीटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। यह राजनीतिक माहौल भी छठ पूजा की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसमें सभी दलों की नजरें आगामी चुनाव पर टिकी हुई हैं।