किशोर कुमार पुण्यतिथि: इंदौर और खंडवा में अद्भुत यादें
महान गायक, अभिनेता और संगीतकार स्व. किशोर कुमार की पुण्यतिथि पर आज पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। किशोर दा का जन्म 4 अगस्त 1929 को खंडवा, मध्य प्रदेश में हुआ था। इंदौर और खंडवा उनकी जड़ों से गहराई से जुड़े हुए हैं। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व न केवल संगीत बल्कि अभिनय में भी अद्वितीय रहा है। उनकी आवाज़ और अभिनय ने भारतीय सिनेमा में एक नया आयाम जोड़ा।

किशोर दा के बेटे अमित पिता के कॉलेज को देखने आए करीब तीन दशक पूर्व का चित्र। – फोटो : अमर उजाला
किशोर दा की अनसुनी कहानियाँ
किशोर कुमार का संगीत सफर 1930 के दशक में ही शुरू हुआ था, लेकिन उनकी पहचान 1950 के दशक में बनी। उनके निधन के 38 वर्ष बीत जाने के बाद भी इंदौर और खंडवा में उनकी यादें जीवित हैं। किशोर दा के परिवार में कला का एक अनोखा जीन था। उनके भाई अशोक कुमार और अनूप कुमार ने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई थी। 1958 में आई फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी‘ में तीनों भाईयों ने साथ में अभिनय किया और यह फिल्म आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।
किशोर कुमार के गायन की शैली अद्वितीय थी। उन्होंने न केवल हिंदी में, बल्कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में भी गीत गाए। उनके द्वारा गाए गए गाने आज भी युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं। एक बार फिर से उनकी यादें ताजा करने के लिए, खंडवा में उनकी पुण्यतिथि पर एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
किशोर सम्मान से अलंकृत होंगे प्रसून जोशी
खंडवा में 13 अक्टूबर को दो दिनी संगीत कार्यक्रम का आरंभ होगा। इस अवसर पर प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2024 का किशोर सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान किशोर दा की कला और उनके योगदान को मान्यता देने के लिए है।
किशोर कुमार का इंदौर में अध्ययन
किशोर कुमार और उनके भाई अनूप कुमार ने 1946 में इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में दाखिला लिया था। वे कॉलेज के हॉस्टल में रहते हुए अपनी पढ़ाई के साथ-साथ संगीत और अभिनय में भी रुचि रखते थे। किशोर दा का इंदौर में बिताया समय उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसने उन्हें भविष्य में एक महान गायक और अभिनेता बनने की प्रेरणा दी।
किशोर कुमार का जीवन और उनकी कला का सफर आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करता है। उनके गाए गाने, उनकी अदाकारी और उनकी जीवनशैली हमें सिखाती है कि कैसे कला और संगीत के माध्यम से हम अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं। किशोर दा की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी यादों को सहेजते हैं।
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