डोनाल्ड ट्रम्प ने 2025 Nobel Peace Prize से गंवाया मौका – जानें क्यों



डोनाल्ड ट्रंप को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला, मैरी कोरिना मचाडो ने जीता हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने में…

डोनाल्ड ट्रंप को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला, मैरी कोरिना मचाडो ने जीता

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने में असफलता का सामना करना पड़ा है, जबकि यह पुरस्कार वेनेजुएला की लोकतंत्र कार्यकर्ता मैरी कोरिना मचाडो को दिया गया। ट्रंप ने इस पुरस्कार के लिए कई प्रयास किए थे और उन्हें कुछ राजनीतिक हलकों से मजबूत समर्थन भी प्राप्त था, लेकिन इसके बावजूद वे पुरस्कार हासिल नहीं कर सके।

ट्रंप ने जनवरी में राष्ट्रपति के रूप में कार्यालय में लौटने के बाद से इस सम्मान के लिए खुलकर लॉबिंग की। उन्होंने बार-बार यह दावा किया कि उन्होंने युद्धों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके समर्थक उन्हें इस पुरस्कार के लिए एक मजबूत दावेदार मानते थे, खासकर जब उन्होंने इज़राइल और हमास के बीच एक शांति समझौते की घोषणा की, जिससे दो साल लंबे गाजा संघर्ष का अंत हो सकता था। इसके अलावा, ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोकने का भी दावा किया, जिसे नई दिल्ली ने दृढ़ता से खारिज कर दिया।

डोनाल्ड ट्रंप को पुरस्कार न मिलने के कारण

हालांकि, ट्रंप की उच्च-प्रोफाइल शांति पहलों के बावजूद, वे इस वर्ष के पुरस्कार के लिए योग्य नहीं थे। इसकी मुख्य वजह यह थी कि उनके नाम पर जो भी नामांकन प्रस्तुत किए गए थे, वे 1 फरवरी की समय सीमा के बाद आए थे। 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया में लगभग 338 प्रविष्टियाँ थीं और यह प्रक्रिया जनवरी के अंत में बंद हो गई, जो ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद का समय था।

इसके अतिरिक्त, 2025 का पुरस्कार उन योगदानों को मान्यता देता है जो 2024 में किए गए थे, जबकि इस अवधि में ट्रंप का चुनाव तो हो चुका था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऑफिस नहीं संभाला था। इस कारण से भी उन्हें इस पुरस्कार की दौड़ से बाहर कर दिया गया।

नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के लिए अन्य प्रतियोगी

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा हमेशा ही कठिन होती है। इस वर्ष कई प्रसिद्ध हस्तियों और संगठनों ने इस पुरस्कार के लिए नामांकन किया था। इन नामांकनों में मानवाधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता, और विश्व शांति के लिए प्रयासरत संगठन शामिल थे।

  • मैरी कोरिना मचाडो: वेनेजुएला की लोकतंत्र के लिए लड़ाई में प्रमुखता से आगे बढ़ी हैं।
  • सुरक्षा और शांति के लिए काम करने वाले कई संगठनों ने भी इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया।
  • महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली हस्तियों ने भी इस पुरस्कार के लिए अपनी दावेदारी पेश की।

ट्रंप के शांति प्रयासों का भविष्य

डोनाल्ड ट्रंप की शांति पहलों ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तित्व बना दिया है, और उनकी कार्रवाई हमेशा चर्चा का विषय रही है। हालांकि, अब जब वे इस पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो चुके हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भविष्य में और किन शांति पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके समर्थक अभी भी उनका समर्थन करते हैं और मानते हैं कि उनकी नीतियों ने वैश्विक शांति में योगदान दिया है।

इस बीच, मैरी कोरिना मचाडो का पुरस्कार जीतना उनके संघर्ष और वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए उनकी कड़ी मेहनत को मान्यता देता है। यह पुरस्कार न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो विश्व में शांति और न्याय के लिए काम कर रहे हैं।

अंततः, यह स्पष्ट है कि नोबेल शांति पुरस्कार में नामांकन और चयन की प्रक्रिया कितनी कठिन और जटिल हो सकती है, और कैसे समयसीमा और योग्यता के मानदंडों के कारण कई प्रभावशाली व्यक्तियों को पुरस्कार से बाहर रखा जा सकता है।

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