Book Release: पूर्व डीजीपी त्रिपाठी की किताब का विमोचन, डीजीपी मकवाना ने कहा – यादों की श्रृंखला सरल, सहज और आकर्षक है



पूर्व डीजीपी एन. के. त्रिपाठी की पुस्तक ‘यादों का सिलसिला’ का विमोचन समारोह भोपाल के पुलिस ऑफिसर्स मेस में सोमवार शाम को पूर्व डीजीपी एन. के. त्रिपाठी की पुस्तक ‘यादों…

पूर्व डीजीपी एन. के. त्रिपाठी की पुस्तक ‘यादों का सिलसिला’ का विमोचन समारोह

भोपाल के पुलिस ऑफिसर्स मेस में सोमवार शाम को पूर्व डीजीपी एन. के. त्रिपाठी की पुस्तक ‘यादों का सिलसिला’ का भव्य विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने पुस्तक की लेखनी को सटीक, जीवंत, सहज और आत्मीय बताते हुए कहा कि इसमें कई संस्मरण और गहरी संवेदनाएं समाहित हैं।

कैलाश मकवाना ने आगे कहा कि इस पुस्तक में न्याय और प्रक्रिया के द्वंद्व को भी बखूबी चित्रित किया गया है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया कि उन्हें इस पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसे पढ़ते हुए उन्हें अपने 37 साल के सेवा करियर की यादें ताजा हो गईं। इस प्रकार, पुस्तक न केवल एक जीवंत दस्तावेज है, बल्कि यह पुलिस सेवा के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करती है।

समारोह की अध्यक्षता और उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस विमोचन समारोह की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे, जो प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त और चिंतक भी हैं। इस समारोह में अनेक पूर्व एवं वर्तमान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

मनोज श्रीवास्तव ने पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘यादों का सिलसिला’ पुस्तक जीवन भर की यादों का ऑटो बायोग्राफी के रूप में प्रस्तुतिकरण करती है। इसमें प्रदेश का बदलता परिदृश्य भी शामिल है, जो पाठकों को एक नई दृष्टि प्रदान करता है।

पुस्तक के महत्व और लेखन की प्रक्रिया

विजय मनोहर तिवारी ने पुस्तक के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि ‘यादों का सिलसिला’ बड़े रोचक विवरणों से भरी हुई है। उन्होंने कहा कि इतनी अच्छी प्रस्तुति करना हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने पूर्व डीजीपी त्रिपाठी की तारीफ करते हुए कहा कि जैसे उन्होंने अपने अनुभवों को पुस्तक के रूप में संजोया है, वैसे ही सभी अधिकारियों को भी अपने अनुभवों को साझा करना चाहिए। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए नसीहत बन सकेगा।

इस अवसर पर पूर्व जनसंपर्क संचालक सुरेश तिवारी ने पुस्तक में समाहित साहित्य के बारे में जानकारी दी और इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक न केवल पुलिस अधिकारियों के लिए, बल्कि सभी पाठकों के लिए प्रेरणादायक है।

कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन

समारोह का संचालन रामजी श्रीवास्तव ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन महेंद्र जोशी ने किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण का कार्य अजय श्रीवास्तव नीलू ने किया। इस समारोह में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने पुस्तक के विमोचन को एक महत्वपूर्ण घटना माना, जो पुलिस सेवा और समाजिक जीवन के बीच एक पुल का कार्य करेगी।

इस प्रकार, ‘यादों का सिलसिला’ न केवल एक पुस्तक है, बल्कि यह एक यात्रा है जो पाठकों को अतीत की यादों से जोड़ती है और वर्तमान की चुनौतियों को समझने में मदद करती है। यह पाठकों को प्रेरित करने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।

सारांश में कहा जा सकता है कि यह पुस्तक न केवल पुलिस अधिकारियों के लिए, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो मानवता और न्याय के मूल सिद्धांतों को दर्शाती है।

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