उत्तर प्रदेश समाचार: बेटियों की सुरक्षा पर राज्यपाल का महत्वपूर्ण संदेश
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को बेटियों को आगाह किया कि वे नाम बदलकर सैर करने का मौका तलाशने वालों से विशेष सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि यह समय बेहद महत्वपूर्ण है और बेटियों को अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक होना होगा। राज्यपाल ने इस अवसर पर नशे से पूरी तरह मुक्त रहने का भी आह्वान किया।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय में आयोजित द्वितीय दीक्षा समारोह में 47 मिनट के संबोधन में राज्यपाल ने सामाजिक चेतना, शिक्षा व्यवस्था के सुधार, अनुशासन, फर्जी डिग्री और रिसर्च के महत्व पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अब माता-पिता को बेटियों के साथ-साथ बेटों से भी पूछना होगा कि वे रात को कहां से आ रहे हैं। यह रवैया बदलने का समय आ गया है।
डिग्री वितरण में सुधार और भ्रष्टाचार पर प्रहार
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में पहले डिग्री वितरण की अव्यवस्था और भ्रष्टाचार पर प्रहार करते हुए कहा कि पहले छात्रों को पांच-पांच हजार रुपये देने पर ही डिग्री मिलती थी। निजी एजेंसियां भी इस भ्रष्टाचार में शामिल थीं। छात्र लखनऊ तक डिग्री के लिए आते थे, राजभवन पर खड़े रहते थे और कहते थे कि उन्हें अमेरिका में दाखिला लेना है, लेकिन डिग्री नहीं मिल रही।
राज्यपाल ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए ‘डिजि-लाकर प्रणाली’ की शुरुआत की गई है। अब सभी अंकतालिकाएं ऑनलाइन अपलोड की जा रही हैं, जिससे छात्र कहीं से भी डाउनलोड कर सकते हैं और उन्हें विश्वविद्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। यह प्रणाली छात्रों के लिए बहुत सुविधाजनक साबित होगी।
फर्जी डिग्रियों पर सख्त कार्रवाई
राज्यपाल ने छात्रों को शार्टकट से बचने की नसीहत दी और कहा कि फर्जी डिग्रियां लेने वालों पर कड़ा प्रहार किया गया है। उन्होंने छात्रों को मेहनत से जीवन को सशक्त बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए धूप-बारिश में कड़ी मेहनत करते हैं, जबकि कई छात्र कक्षाओं से अनुपस्थित रहते हैं।
राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में अब 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें गुरु-शिष्य परंपरा को खत्म नहीं होने देना है और छात्रों को गुरुओं के चरणों में बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए।
अनुबंधों पर जोर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
राज्यपाल ने कहा कि अब कई विश्वविद्यालय अन्य संस्थानों के साथ अनुबंध कर रहे हैं। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय के कुलपति से आईआईटी रुड़की से अनुबंध करने की बात की, ताकि छात्र वहां जाकर कुछ नया सीख सकें। उन्होंने यह भी बताया कि भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे देश भारतीय विश्वविद्यालयों से अनुबंध करने के लिए इच्छुक हैं। हमें भी वहां जाकर ट्रेनिंग लेनी चाहिए और ऑनलाइन क्लासेज लेनी चाहिए।
रिसर्च आधारित सोच का महत्व
राज्यपाल ने गुजरात की राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी और इसरो में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ये संस्थान देश निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसरो में वैज्ञानिक दिन-रात बिना थके काम करते हैं। भूकंप, सुनामी और प्राकृतिक आपदाओं पर लगातार रिसर्च चल रही है। यह रिसर्च का समय है और हमें भी उसी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
अनुशासन से तय होगी विश्वविद्यालयों की दिशा
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नया है, इसलिए शुरुआत में जो परंपराएं स्थापित होंगी, वही भविष्य में उसकी दिशा तय करेंगी। हमें बेहतर अनुशासन के साथ विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाना है। यहां से निकलने वाले छात्र विकसित भारत में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
राज्यपाल का यह संदेश न केवल बेटियों के लिए बल्कि सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है। यह समय है कि हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझें और एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दें।