“Attendance: 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं दे पाएंगे परीक्षा : ‘लिव इन रिलेशन’ पर राज्यपाल ने कही ये बात, पढ़ें बयान”



75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं दे पाएंगे परीक्षा: राज्यपाल का बयान उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके अनुसार छात्रों को…

75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर नहीं दे पाएंगे परीक्षा: राज्यपाल का बयान

उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके अनुसार छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए अपनी उपस्थिति को 75 प्रतिशत से अधिक बनाए रखना होगा। राज्यपाल ने इस संबंध में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने ‘लिव इन रिलेशन’ और इसके सामाजिक प्रभावों पर भी चर्चा की।

राज्यपाल के अनुसार, 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और छात्रों को नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं है, बल्कि छात्रों को ज्ञान और कौशल में भी वृद्धि करना है।

लिव इन रिलेशन पर राज्यपाल की राय

राज्यपाल ने ‘लिव इन रिलेशन’ के विषय पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विषय है जिस पर समाज में विभिन्न राय हो सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के रिश्ते युवाओं पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। राज्यपाल ने इस मुद्दे पर खुलकर बात करते हुए कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा और संस्कार का समन्वय होना चाहिए ताकि युवा सही दिशा में आगे बढ़ सकें। राज्यपाल के अनुसार, लिव इन रिलेशन के चलते कई युवा गलत रास्ते पर जा रहे हैं, जिससे न केवल उनका भविष्य प्रभावित होता है, बल्कि परिवारों में भी तनाव बढ़ता है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करें और सही मार्ग का चयन करें।

शिक्षा प्रणाली में सुधार के उपाय

राज्यपाल ने शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई उपायों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षा केवल विद्यालयों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे जीवन कौशल और नैतिक शिक्षा के साथ जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को ना केवल अकादमिक ज्ञान, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया जाना चाहिए।

  • शिक्षा के साथ-साथ जीवन कौशल का विकास
  • नैतिक शिक्षा का समावेश
  • पारिवारिक मूल्यों का संरक्षण

राज्यपाल ने यह भी सुझाव दिया कि शिक्षकों को छात्रों के बीच सकारात्मक संवाद और संचार को बढ़ावा देना चाहिए। इससे न केवल छात्रों को सही दिशा मिलेगी, बल्कि उनकी सोच और दृष्टिकोण में भी बदलाव आएगा।

समाज के लिए संदेश

राज्यपाल का यह बयान समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने परिवार और समाज के लिए अच्छे उदाहरण प्रस्तुत करे।

राज्यपाल के इस बयान से स्पष्ट होता है कि शिक्षा और समाज दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सभी से यह भी कहा कि हमें अपने मूल्यों को बनाए रखना चाहिए और नई पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देना चाहिए।

इस तरह के निर्णय और बयान न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक हैं, बल्कि समाज के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। राज्यपाल का यह कदम निश्चित रूप से प्रदेश के छात्रों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होगा।

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