26 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ, जिसमें सेंसेक्स 131 अंक बढ़कर 80,789 पर पहुँच गया और निफ्टी50 ने 43 अंक की बढ़त के साथ 23,753 पर अपना समापन किया।
इस दिन की प्रदर्शन को वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुझान और कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में लाभ ने प्रेरित किया। निवेशकों की सक्रियता और उत्साह ने बाजार को बढ़ावा दिया, जिससे प्रमुख सूचकांकों में सकारात्मकता देखने को मिली।
क्षेत्रीय प्रदर्शन
13 प्रमुख क्षेत्रों में से वित्तीय क्षेत्र सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र रहा, जिसमें 0.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा, ऊर्जा और ऑटो शेयरों में भी सकारात्मक गति देखी गई, विशेष रूप से महिंद्रा एंड महिंद्रा और पावर ग्रिड ने महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त किए।
हालांकि, छोटे और मध्य पूंजी वाले सूचकांक 0.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए, जो निवेशकों के बीच सतर्कता को दर्शाता है। इस गिरावट ने बाजार में कुछ हद तक अस्थिरता का संकेत दिया।
प्रमुख शेयरों की गतिविधि
नीले चिप शेयरों में आदानी पोर्ट्स ने 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की, जबकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और मारुति सुजुकी ने भी बाजार के सकारात्मक रुख में योगदान दिया।
हालांकि, एशियन पेंट्स, टेक महिंद्रा, और नेस्ले ने सूचकांकों को नीचे खींचने का काम किया, जिससे निवेशकों के मनोबल में कमी आई।
वैश्विक संकेत
एशियाई बाजारों में अधिकांश कंपनियों ने हरे निशान में कारोबार किया, जिसमें सियोल, टोक्यो, और शंघाई ने लाभ दर्ज किया। दूसरी ओर, अमेरिकी बाजार बुधवार को क्रिसमस की छुट्टी के कारण बंद रहे, जिससे घरेलू निवेशकों के लिए दिशा संकेत सीमित रहे।
शेयर-विशिष्ट मुख्य बातें
पैनेसा बायोटेक ने $14.95 मिलियन के लिए यूनीसेफ से बाइवलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन का ऑर्डर हासिल करने के बाद 5 प्रतिशत की वृद्धि की।
रामकी इंफ्रास्ट्रक्चर ने 215 करोड़ रुपये के में एक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना जीतने के बाद 3 प्रतिशत की वृद्धि की।
ओला इलेक्ट्रिक ने 45,000 स्टोर्स तक विस्तार योजनाओं के चलते 4 प्रतिशत की बढ़त हासिल की, जिससे दिसंबर में अब तक 10 प्रतिशत का शानदार प्रदर्शन किया गया।
बाजार की भविष्यवाणी
हालांकि कुछ प्रमुख क्षेत्रों में चयनात्मक खरीदारी ने सूचकांकों का समर्थन किया, विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और छोटे एवं मध्य पूंजी वाले शेयरों में धीमी भागीदारी के कारण व्यापक बाजार का मनोबल कमजोर बना हुआ है।
निकट भविष्य में बाजार के दायरे में रहने की उम्मीद है, जिसमें निवेशक क्षेत्रीय अवसरों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आने वाले समय में निवेशकों को सतर्क रहना होगा और विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं की पहचान करनी होगी।