Seoni Hawala Case: CSP Pooja Pandey के नेतृत्व में 10 पुलिसकर्मी निलंबित, 11 FIR दर्ज



सिवनी जिले में हवाला लूट कांड: 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हुए एक हवाला लूट कांड के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के…

सिवनी जिले में हवाला लूट कांड: 11 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हुए एक हवाला लूट कांड के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर पुलिस विभाग में बड़ी कार्रवाई की गई है। इस घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसडीओपी पूजा पांडे समेत कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने डकैती, गलत तरीके से रोकना, अपहरण और आपराधिक षड़यंत्र रचने जैसे गंभीर अपराध किए हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 310(2), 126(2), 140(3) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया है। यह एफआईआर लखनवाड़ा थाने में दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि “जो भी ऐसा कार्य करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।” मध्य प्रदेश की सरकार नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई एक मिसाल बनेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अपराध मुक्त मध्य प्रदेश का सपना साकार हो सके।

गिरफ्तारी और फरार आरोपियों की खोज

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद, एसडीओपी पूजा पांडे के नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि छह अन्य आरोपी पुलिसकर्मी अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं ताकि फरार आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, और आरक्षक योगेंद्र, नीरज और जगदीश शामिल हैं।

मामले की विस्तार से जानकारी

इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई में प्रधान आरक्षक माखन, राजेश जंघेला, रविंद्र उइके, आरक्षक रितेश वर्मा, और SAF आरक्षक केदार और सुभाष सदाफल अब भी फरार हैं। इसके अलावा, पुलिस ने बर्तन के कारोबार से जुड़े करीब पाँच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जो महाराष्ट्र के निवासी हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस द्वारा आरोपियों पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने हवाला की रकम में गड़बड़ी की है।

घटना की पूरी कहानी

यह मामला तब शुरू हुआ जब एसडीओपी पूजा पांडे को सूचना मिली कि एक कार में लगभग 3 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ रात करीब डेढ़ बजे सीलादेही में नाका लगाया और कार को रोककर उसमें रखी रकम को अपने कब्जे में ले लिया। लेकिन इस कार्रवाई के खिलाफ कारोबारी सोहन परमार और उनके साथियों ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने हवाला की रकम आपस में बांटने के लिए सौदा किया था।

बंटवारे का विवाद और मीडिया की भूमिका

पुलिसकर्मियों ने कारोबारियों से कहा कि वे हवाला की रकम में से लगभग 1.5 करोड़ रुपये अपने पास रखेंगे, जबकि बाकी रकम कारोबारियों को दी जाएगी। लेकिन बाद में कारोबारियों को कम रकम दी गई। इससे नाराज होकर वे फिर से थाने पहुंचे। जब यह मामला मीडिया तक पहुंचा, तो पूरी घटना का पर्दाफाश हो गया और पुलिसकर्मियों की काली करतूतें उजागर हो गईं।

निष्कर्ष

यह घटना मध्य प्रदेश में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह स्पष्ट संदेश है कि वे कानून के रक्षकों को ही कानून का उल्लंघन नहीं करने देंगे। उनके इस सख्त रवैये से यह उम्मीद की जा सकती है कि आगे चलकर ऐसी घटनाएं कम होंगी और नागरिकों का विश्वास पुलिस प्रशासन पर और मजबूत होगा।

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