Helmet अनिवार्य: इंदौर पुलिस ने अधिकारियों के लिए लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया



पुलिस मुख्यालय का नया आदेश: हेलमेट पहनना अनिवार्य सड़क पर होने वाले हादसों की बढ़ती संख्या और यातायात नियमों के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए, पुलिस मुख्यालय ने एक…

पुलिस मुख्यालय का नया आदेश: हेलमेट पहनना अनिवार्य

सड़क पर होने वाले हादसों की बढ़ती संख्या और यातायात नियमों के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए, पुलिस मुख्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में आम जनता के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नए नियम का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ न केवल चालानी कार्रवाई की जाएगी, बल्कि यदि वे तीन बार नियम तोड़ते हैं, तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा। यह आदेश इस सप्ताह से प्रभावी हो गया है, जिससे सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती समस्या

देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में वृद्धि चिंता का विषय बन चुकी है। खासकर दोपहिया वाहनों का उपयोग करने वाले लोगों के लिए हेलमेट पहनना आवश्यक है। प्रशासन ने पहले भी “बिना हेलमेट, नो पेट्रोल” जैसे अभियान चलाए थे, लेकिन जब अभियान की समय सीमा खत्म हुई, तो स्थिति पूर्ववत हो गई। इससे स्पष्ट होता है कि नागरिक केवल सख्ती के समय में ही हेलमेट का उपयोग करते हैं, जबकि ढिलाई मिलने पर वे नियमों की अनदेखी करने लगते हैं। ऐसे में यह नई नीति एक सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाती है।

पुलिसकर्मियों पर भी कसा शिकंजा

यह भी एक चिंता का विषय है कि जिन पुलिसकर्मियों को यातायात नियमों का पालन करवाने की जिम्मेदारी है, वे स्वयं कई बार बिना हेलमेट के वाहन चलाते पाए गए हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई फोटो और वीडियो वायरल हुए हैं, जिससे पुलिस विभाग की छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है। प्रशासन ने यह भी ध्यान में रखा है कि पिछले वर्षों में कई पुलिसकर्मी भी सड़क हादसों का शिकार हुए हैं, जिसमें कुछ को गंभीर चोटें आईं और कुछ की जान भी चली गई।

मुख्यालय का सख्त आदेश

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि सभी पुलिस थानों, पुलिस लाइन और विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। चेकिंग के दौरान यदि कोई पुलिसकर्मी बिना हेलमेट पाया जाता है, तो उस पर मोटरयान अधिनियम की धारा 194डी के तहत चालानी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी पुलिसकर्मी इस नियम का पालन करें, विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं।

लाइसेंस निरस्त और अनुशासनात्मक कार्रवाई

आदेश के अनुसार, यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी तीन बार बिना हेलमेट के पकड़ा जाता है, तो उसके ड्राइविंग लाइसेंस को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद भी यदि वह नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल पुलिसकर्मियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी एक चेतावनी के रूप में काम करेगा।

हर महीने होगी समीक्षा

पुलिस मुख्यालय ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस नियम के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए हर महीने उल्लंघन के मामलों की समीक्षा की जाएगी। इंदौर और भोपाल के पुलिस कमिश्नरों के साथ-साथ सभी जिलों के एसपी और आईजी से मासिक रिपोर्ट भी मांगी जाएगी। यह आदेश विशेष सुरक्षा बल, पीटीएस और रेलवे पुलिस सहित सभी शाखाओं पर समान रूप से लागू होगा। अब देखना यह है कि इस सख्ती के बाद नियमों के पालन की स्थिति में कितना सुधार आता है।

सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता

इस नई नीति का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। हेलमेट पहनने से न केवल जीवन की सुरक्षा होती है, बल्कि यह सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है। जब पुलिसकर्मी स्वयं नियमों का पालन करेंगे, तो आम जनता भी उनसे प्रेरित होकर यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित होगी।

आशा है कि इस सख्ती के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। पुलिस मुख्यालय का यह कदम निश्चित रूप से एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में है, जिससे सभी नागरिक सुरक्षित रह सकें।

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