बिहार विधानसभा चुनाव के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी की रैंडमाइजेशन
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान करने वाले सभी 18 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) और मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) इकाइयों की पहली रैंडमाइजेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सोमवार को दी।
आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, “बिहार के सभी 18 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने 11 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को पहले स्तर की जांच (FLC) पास करने के बाद EVM-VVPATs की पहली रैंडमाइजेशन पूरी कर ली है।” इस प्रक्रिया का उद्देश्य चुनावी पारदर्शिता को बढ़ावा देना और मतदान की निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है।
रैंडमाइजेशन प्रक्रिया का विवरण
जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा रैंडमाइजेशन प्रक्रिया EVM प्रबंधन प्रणाली (EMS) के माध्यम से की गई थी, जिसमें सभी राष्ट्रीय और राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह कार्य हुआ। आयोग ने बताया कि रैंडमाइजेशन के बाद कुल 54,311 बैलट यूनिट्स (BUs), 54,311 कंट्रोल यूनिट्स (CUs), और 58,123 वीवीपीएटी को 121 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें 45,336 मतदान केंद्र शामिल हैं।
इन रैंडमाइज्ड EVMs और VVPATs को संबंधित विधानसभा के मजबूत कक्षों में पार्टी के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुरक्षित रखा जाएगा। उम्मीदवारों की अंतिम सूची के अंतिम होने के बाद, रैंडमाइज्ड EVMs और VVPATs की सूची सभी प्रत्याशियों के साथ साझा की जाएगी।
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें
बिहार के 243 विधानसभा सीटों पर मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। यह चुनाव राजनीतिक पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बिहार की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगा।
मुख्य राजनीतिक गठबंधनों का सामना
इस चुनावी मुकाबले में मुख्यतः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), जिसका नेतृत्व भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) कर रहे हैं, और INDIA गठबंधन, जिसका नेतृत्व तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कर रही है, के बीच संघर्ष होगा। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल (JJD) भी इस चुनाव में पहली बार भाग ले रही हैं।
सीट शेयरिंग की योजना
हालांकि INDIA गठबंधन ने अपनी सीट शेयरिंग योजना की घोषणा नहीं की है, लेकिन NDA ने अपने सहयोगियों के बीच गहन चर्चा के बाद अपनी योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस योजना के अनुसार, भाजपा और जद (यू) प्रत्येक 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटें लड़ेगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) क्रमशः 6 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
इस चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की नजरें मतदाता के विश्वास को जीतने और अपने पक्ष में मतदान कराने पर होंगी। चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से एक पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया का आश्वासन दिया है।