Elections: नीतीश कुमार की पहली लिस्ट में नहीं कोई मुस्लिम, 4 महिलाएं मिलीं टिकट



बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पटना। बिहार में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीटों को लेकर चल रही उठापटक के बीच जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 57 प्रत्याशियों की पहली…

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पटना। बिहार में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीटों को लेकर चल रही उठापटक के बीच जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 57 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी ने अपने दो मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है, जबकि 27 नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, जदयू ने 35 विधायकों को फिर से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है, जिनमें से 5 कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं। इस सूची में कुछ ऐसी सीटें भी शामिल हैं, जिन पर चिराग पासवान अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहे हैं। इस स्थिति में यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग पासवान अपनी सूची में इन सीटों पर किस प्रकार के उम्मीदवार उतारते हैं।

लोजपा सांसद की बेटी को नीतीश कुमार ने दिया टिकट

जदयू की पहली सूची में कुछ विशेष बातें देखने को मिलती हैं। इस सूची में सामाजिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास किया गया है, लेकिन 57 उम्मीदवारों में एक भी अल्पसंख्यक उम्मीदवार का नाम नहीं है। अनुसूचित जाति के 10 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है, जबकि अतिपिछड़ा वर्ग से 9 लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, कुर्मी-कुशवाहा समाज से 23 लोगों को भी टिकट दिया गया है। नीतीश कुमार ने अपने सबसे मजबूत वोट बैंक को भी हिस्सेदारी देने में उदारता नहीं दिखाई है। जदयू ने 33 प्रतिशत महिला प्रत्याशियों की मांग की थी, लेकिन 57 उम्मीदवारों में सिर्फ चार महिलाओं को मैदान में उतारा गया है, जिनमें से एक कोमल सिंह हैं, जो लोजपा की सांसद वीणा देवी की बेटी हैं। उन्हें गायघाट विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है।

जदयू की महिला उम्मीदवारों की सूची

जदयू ने अपनी पहली सूची में कुछ महिला उम्मीदवारों को भी शामिल किया है, जिनमें शामिल हैं:

  • मधेपुरा – कविता साहा
  • गायघाट – कोमल सिंह
  • समस्तीपुर – अश्वमेध देवी
  • विभूतिपुर – रवीना कुशवाहा

जदयू ने जिन विधायकों का काटा टिकट

जदयू ने अपनी पहली सूची में अपने दो मौजूदा विधायकों का टिकट काटने का निर्णय लिया है। इनमें से एक हैं बरबीघा के वर्तमान विधायक सुदर्शन कुमार, जिनका टिकट काटकर पार्टी ने कुमार पुष्पंजय को उम्मीदवार बनाया है। इसी प्रकार, कुशेश्वरस्थान से अमन भूषण हजारी का टिकट भी काटा गया है, और यहां से अतिरेक कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके साथ ही, पार्टी ने मोरवा, सोनबरसा और राजगीर में भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। मोरवा से विद्यासागर सिंह निषाद, सोनबरसा से रत्नेश सादा और राजगीर से कौशल किशोर को उम्मीदवार बनाया गया है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। जदयू द्वारा उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद अब अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं भी देखने लायक होंगी। इस बार का चुनाव न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बिहार के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर होने वाली खींचतान और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

जदयू की इस पहली सूची ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है। अब यह देखना होगा कि चिराग पासवान और उनकी पार्टी लोजपा किस तरह की रणनीति अपनाते हैं और क्या वे जदयू के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं। बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन सी पार्टी किस सीट पर किस प्रत्याशी को उतारती है।

इसके अलावा, चुनावी तैयारी में जुटे अन्य दल भी अब अपनी रणनीतियों पर विचार करने में जुट गए हैं। चुनावी पूर्व सर्वेक्षणों और रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए, सभी दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार का चुनाव न केवल राजनीतिक ध्रुवीकरण का संकेत है, बल्कि यह विकास और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी आधारित है।

अंततः, बिहार का राजनीतिक माहौल इस बार काफी रोचक होने वाला है। जदयू की पहली सूची ने जहां एक ओर सत्तारूढ़ पार्टी की चुनावी रणनीति को उजागर किया है, वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाता है कि आगामी चुनावों में सभी दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है।

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