तेज प्रताप यादव का नया राजनीतिक सफर
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से छह साल बाद निकाले जाने के बाद, तेज प्रताप यादव, जो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं, अब अपने पूर्व पार्टी के खिलाफ चुनौती देने के लिए तैयार हैं। उन्हें मई में “जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह व्यवहार और पारिवारिक मूल्यों का पालन करने में विफलता” के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया था। अब, बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी नई पार्टी, जन शक्ति जनता दल, एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में उभरने के लिए तैयार है।
जन शक्ति जनता दल का गठन और रणनीति
तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी के तहत 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिनमें से 10 उम्मीदवार वर्तमान राजद सीटों से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। तेज प्रताप अब अपने पिता की पार्टी की चुनावी ताकत को परखने और राज्य में एक उच्च-दांव की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। वह वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जो वर्तमान में राजद के विधायक मुकेश कुमार द्वारा प्रतिनिधित्व की जा रही है। मुकेश ने 2020 के विधानसभा चुनावों में जदयू की आसमा परवीन को 13,687 वोटों के अंतर से हराया था।
नए चेहरों को मौका देने की पहल
जन शक्ति जनता दल की उम्मीदवारों की सूची में कई नए और युवा चेहरों को मौका दिया गया है। इसमें दो महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो पार्टी में नई ऊर्जा लाने के प्रयास को दर्शाते हैं। तेज प्रताप का यह कदम युवा नेताओं को राजनीति में आगे लाने के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
राजद के खिलाफ सीधा चुनौती
जिन 21 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है, उनमें से 10 ऐसे हैं जो वर्तमान में राजद के विधायकों द्वारा धारण की गई सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें महुआ, सीतामढ़ी, शाहपुर, बख्तियारपुर, जगदीशपुर, अतरी, मनर, महानार और बनियापुर शामिल हैं। यह कदम राजद के लिए एक सीधी चुनौती को इंगित करता है, जो तेज प्रताप के इरादे को स्पष्ट करता है कि वह अपने पिता और छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ मिलकर चुनावी क्षति पहुंचाना चाहते हैं।
महागठबंधन के खिलाफ भी चुनावी रणनीति
जन शक्ति जनता दल ने महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दलों का गठबंधन) के अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी उम्मीदवारों को खड़ा किया है। डुमरांव में, जहां CPI(ML) के अजित कुमार सिंह विधायक हैं, तेज प्रताप ने एक उम्मीदवार की घोषणा की है। इसके अलावा, दो कांग्रेस-धारित सीटें, हसुआ और विक्रमगंज, भी उनके नामांकित उम्मीदवारों द्वारा चुनौती दी जा रही हैं।
NDA के खिलाफ भी चुनावी चुनौती
तेज प्रताप ने ruling राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) द्वारा धारण की गई पाँच सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े किए हैं: वजीरगंज, पटना साहिब, नरकटियागंज, बारौली और मोहिद्दीननगर। इसके अलावा, दो जनता दल (यूनाइटेड) या JD(U) द्वारा धारण की गई सीटों, बेनीपुर और कुचायकोट, को भी चुनौती दी जा रही है।
तेज प्रताप का विद्रोही रुख
राजद से निष्कासन के बाद, तेज प्रताप ने एक विद्रोही रुख अपनाया है। हालाँकि वह हसनपुर से एक वर्तमान विधायक हैं, लेकिन यह सीट वर्तमान सूची में नहीं है, जो नए और उच्च-प्रोफ़ाइल चुनावों पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने का संकेत देती है। उम्मीदवारों की घोषणा और निर्वाचन क्षेत्रों का चयन उनके आक्रामक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिससे राजद की बिहार में प्रमुखता को चुनौती देने का इरादा साफ होता है।
बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
तेज प्रताप का एक वर्तमान राजद विधायक को महुआ में सीधे चुनौती देना बिहार की राजनीति में एक बदलाव को उजागर करता है, जिसमें पारिवारिक और पार्टी के भीतर की गतिशीलता अब मुख्य मंच पर है। आने वाले चुनाव यह दिखाएंगे कि क्या यह रणनीति विद्रोही ऊर्जा को वास्तविक चुनावी सफलता में बदल सकती है और क्या जन शक्ति जनता दल बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक विश्वसनीय शक्ति के रूप में उभर सकती है।