Bihar Election 2025: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा के लिए अपने नाराज सहयोगियों को मनाना अब एक बड़ी चुनौती बन गई है। रालोमो (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर से सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वे एनडीए के किसी भी प्रत्याशी के नामांकन में शामिल न हों। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा अब दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे।
दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की तैयारी
उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी के चलते उन्होंने पटना में पार्टी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी, लेकिन बाद में उन्होंने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक को टाल दिया गया है। कुशवाहा ने लिखा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के साथ विमर्श हेतु गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय जी और मुझे अभी दिल्ली के लिए प्रस्थान करना है, इसलिए आज पार्टी के साथियों के साथ पटना स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित होनेवाली बैठक तत्काल स्थगित की गई है।” यह स्पष्ट है कि कुशवाहा की नाराजगी को लेकर पार्टी में हलचल तेज है।
भाजपा नेताओं के साथ बेनतीजा रही बातचीत
राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने आधी रात को एक ऐसा बयान दिया जो सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “This time nothing is well in NDA…” यानी इस समय एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं है। इस बयान के बाद भाजपा के कई बड़े नेता तुरंत कुशवाहा को मनाने के लिए उनके आवास पहुंचे। बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय देर रात कुशवाहा के घर पहुंचे, लेकिन घंटों की बातचीत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका। मीडिया से बातचीत में कुशवाहा ने कहा, “जो सवाल आप मुझसे पूछ रहे हैं, वही सवाल सम्राट चौधरी और नित्यानंद राय से पूछिए।”
सीटों में बदलाव से नाराज उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा का नाराज होना सीट बंटवारे में बदलाव के कारण है। दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ हुई एक बैठक में रालोमो को केवल **छह सीटें** देने पर सहमति बनी थी। रालोमो ने इन छह सीटों पर सशर्त हामी भरी, जिसमें कुशवाहा की शर्त थी कि सीटों का चयन वह स्वयं करेंगे। भाजपा नेताओं ने इस पर सहमति व्यक्त की थी। रालोमो ने जिन 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की इच्छा व्यक्त की थी, उनमें **सासाराम, मधुबनी, दिनारा, बाजपट्टी, महुआ** और **उजियारपुर** शामिल थीं। लेकिन मंगलवार शाम को रालोमो को सूचित किया गया कि महुआ सीट अब लोजपा (आर) को और दिनारा सीट जदयू के खाते में दी जा रही है, जिससे कुशवाहा की नाराजगी और बढ़ गई है।
भविष्य की संभावनाएं और राजनीतिक समीकरण
उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी और भाजपा के अंदर चल रही यह खींचतान एनडीए के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकती है। अगर कुशवाहा अपने फैसले पर अडिग रहते हैं, तो इससे एनडीए की चुनावी रणनीति को गहरा धक्का लग सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा की नाराजगी का असर अन्य सहयोगी दलों पर भी पड़ सकता है, जो चुनाव में गठबंधन के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
इस समय बिहार की राजनीति में जो हलचल मची हुई है, उसका असर आगामी चुनाव पर निश्चित रूप से होगा। भाजपा को चाहिए कि वह अपने सहयोगियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करे ताकि किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। आगामी चुनाव के मद्देनजर सीट बंटवारे की सही रणनीति अपनाना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
इसी बीच, बिहार में चुनावी माहौल को लेकर कई अन्य दल भी सक्रिय हो गए हैं। पवन सिंह, मैथिली ठाकुर जैसे नामी कलाकार भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा।