बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच आज का दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने वाला है। राजद के वरिष्ठ नेता आज अपनी पारंपरिक सीट राघोपुर से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, जहां वे लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। नामांकन के बाद तेजस्वी यादव औपचारिक रूप से राज्यभर में महागठबंधन के चुनाव अभियान की कमान संभालेंगे।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव गुरुवार से चुनावी सभाओं की श्रृंखला की शुरुआत करेंगे। उनका इस बार का चुनावी अभियान पहले से अधिक आक्रामक और योजनाबद्ध है। बताया जा रहा है कि वे प्रतिदिन कम से कम 15 चुनावी सभाओं को संबोधित करने की योजना बना रहे हैं, और आवश्यकता पड़ने पर यह संख्या 18 तक भी पहुंच सकती है। तेजस्वी की यह सक्रियता उनके चुनावी प्रचार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
तेजस्वी महागठबंधन के सभी दलों के लिए मांगेंगे वोट
राजद के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी इस बार महागठबंधन का प्रमुख चेहरा बन चुके हैं। वे केवल अपनी पार्टी राजद के लिए ही नहीं, बल्कि कांग्रेस, वामदलों और वीआईपी जैसे सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के लिए भी वोट मांगेंगे। सभी घटक दलों के प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में तेजस्वी की रैलियों के आयोजन के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि उनकी लोकप्रियता गठबंधन में सबसे अधिक मानी जाती है। तेजस्वी की रैलियों में भागीदारी से अन्य दलों के उम्मीदवारों को भी समर्थन मिल सकता है।
राज्य के लगभग सभी विधानसभा का दौरा कर सकते हैं तेजस्वी
चुनावी कार्यक्रम के अनुसार, बिहार में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण के लिए प्रचार 4 नवंबर तक और दूसरे चरण के लिए 9 नवंबर तक चलेगा। इस समय सीमा को देखते हुए तेजस्वी यादव अपने व्यस्त कार्यक्रम में बिहार के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। उनकी यह योजना यह दिखाती है कि वे हर चुनावी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करना चाहते हैं, ताकि वे मतदाताओं से सीधे संपर्क कर सकें।
2020 में की थीं 263 जनसभाएं
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि तेजस्वी एक बार फिर 2020 के चुनावी जोश को दोहराने की योजना बना रहे हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने कुल 263 जनसभाएं की थीं, जो किसी भी दल के नेता के मुकाबले सबसे अधिक थीं। कई मौकों पर तेजस्वी ने दिन में 16 से 18 सभाएं कीं और रात में हेलिकॉप्टर की अनुमति न मिलने पर सड़क मार्ग से ही पटना लौटे। यह उनके समर्पण और मेहनत को दर्शाता है।
शिक्षा और रोजगार होगा सबसे बड़ा मुद्दा?
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस बार तेजस्वी अपने चुनावी भाषणों में रोजगार, शिक्षा और किसानों के मुद्दों पर विशेष जोर देंगे। साथ ही, वे बिहार में बदलाव और “नौकरी संवाद” जैसे अभियानों को फिर से दोहराने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं। यह उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है कि वे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए ठोस योजनाएं प्रस्तुत करें।
राजद कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, तेजस्वी के प्रचार कार्यक्रमों में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी भी कई स्थानों पर उनके साथ नजर आएंगे। दोनों नेताओं की साझा उपस्थिति महागठबंधन की एकता का संदेश देने के रूप में देखी जा रही है। यह संकेत है कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है, जो कि बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
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