Election: बिहार चुनाव मैदान में कूदे अमेरिका का वैज्ञानिक, एनडीए ने बनाया इस विधानसभा से उम्मीदवार



बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार की राजनीति में इस बार एक नया चेहरा सामने आया है, जो कि अमेरिका के वैज्ञानिक मृणाल मंजरीक हैं। वे समस्तीपुर के वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र…

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार की राजनीति में इस बार एक नया चेहरा सामने आया है, जो कि अमेरिका के वैज्ञानिक मृणाल मंजरीक हैं। वे समस्तीपुर के वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। मृणाल मंजरीक ने 14 अक्टूबर, मंगलवार को जदयू के प्रतीक पर अपना नामांकन दाखिल किया। उल्लेखनीय है कि मृणाल मंजरीक पूर्व विधायक अशोक कुमार उर्फ मुन्ना मंडल के पुत्र हैं और वे अमेरिका में एक प्रतिष्ठित इंजीनियर वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत रहे हैं।

बिहार में विकास का नया विजन प्रस्तुत करेंगे

अपने नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मृणाल मंजरीक ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य बिहार में विकास करना है। उन्होंने कहा, “मंत्री जी और पार्टी की मंशा है कि पढ़े-लिखे लोग राजनीति में आएं। मेरा बैकग्राउंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी है। मैंने अमेरिका में पढ़ाई की है और वहां काम भी किया है। मेरा मानना है कि पढ़े-लिखे लोगों को राजनीति में आना चाहिए ताकि वे जनता की समस्याओं को समझ सकें और उनका समाधान कर सकें। यदि मुझे इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो मैं अमेरिका से प्राप्त अनुभवों के आधार पर विकास के लिए प्रयास करूंगा।”

मृणाल मंजरीक की इस सोच से न केवल उनके समर्थक उत्साहित हैं, बल्कि कई युवा भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं। उनका मानना है कि उनके जैसे युवा उम्मीदवारों का चुनावी राजनीति में आना आवश्यक है ताकि वे नई सोच और दृष्टिकोण के साथ जनता की सेवा कर सकें।

अशोक कुमार के वारिसनगर से चुनावी सफर की कहानी

मृणाल मंजरीक का परिवार राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है। उनके पिता अशोक कुमार, जो कि कुर्मी जाति से हैं, पिछले तीन बार से वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक रहे हैं। अशोक कुमार ने अपने कार्यकाल में स्थानीय विकास और जन कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक समझ मृणाल को एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

मृणाल मंजरीक की शिक्षा और अनुभव उन्हें एक नई दृष्टि प्रदान करते हैं। उन्होंने अमेरिका में रहकर न केवल शैक्षणिक ज्ञान प्राप्त किया बल्कि वहां के कार्य संस्कृति और तकनीकी विकास का भी गहन अध्ययन किया। इसके चलते, वे अपने क्षेत्र में उच्च तकनीकी विकास की दिशा में काम करने का इरादा रखते हैं।

जानकारी के अनुसार: मृणाल ने अमेरिका में HP लैब्स में वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया है, जहां उन्होंने 11 अन्वेषणों में पेटेंट दर्ज करवाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारत में भी तीन पेटेंट फाइल किए हैं और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में प्रोफेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं।

इनकी राजनीतिक यात्रा में क्षेत्र की जनता की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने का लक्ष्य है। मृणाल का कहना है कि उनका सपना है कि बिहार को भी अमेरिका की तरह विकसित किया जाए। वे अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए अपने क्षेत्र में विकास की नई लहर लाने का प्रयास करेंगे।

अंत में, मृणाल मंजरीक का चुनावी सफर न केवल बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा कि वे अपने क्षेत्र की सेवा के लिए आगे आएं। उनका दृष्टिकोण, शिक्षा और अनुभव निश्चित रूप से उन्हें एक सफल नेता बना सकते हैं।

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