बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बैठकों का दौर चल रहा है, जिसमें एनडीए और महागठबंधन दोनों के भीतर अंदरूनी मतभेदों की बातें सामने आ रही हैं। एक तरफ, जहां एनडीए के सभी प्रमुख नेता यह दावा कर रहे हैं कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है, वहीं दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने ट्विटर पर एक समान संदेश देकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया है। लेकिन, इस बीच जदयू के नेता नीतीश कुमार ने आज दोपहर को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति की चर्चा है। इसके अलावा, सहरसा जिले की सोनबरसा सीट पर भी मामला जटिल होता जा रहा है।
सम्राट, चिराग और कुशवाहा ने की माहौल को नियंत्रित करने की कोशिश
आज सुबह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “एनडीए दलों में सीट संख्या का विषय सौहार्दपूर्ण बातचीत में पूरा हो चुका है। कौन दल किस सीट पर लड़ेगा यह चर्चा भी सकारात्मक बातचीत के साथ अंतिम दौर में है। मोदी जी और नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए के सभी दल एकजुटता के साथ पूरी तरह से तैयार हैं।” इस ट्वीट के समान ही उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान ने भी अपने विचार साझा किए। इन संदेशों के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि एनडीए में सब कुछ सही चल रहा है।
सोनबरसा सीट पर फंसा है मामला
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जो पेंच फंसा हुआ है, वह सहरसा जिले की सोनबरसा विधानसभा सीट के आसपास घूम रहा है। जदयू इस सीट को अपने पास रखना चाहती है, जबकि सीट शेयरिंग की लिस्ट में इसे चिराग पासवान की पार्टी के खाते में जोड़ दिया गया है। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीट बंटवारे को लेकर बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। इस स्थिति में कुल नौ सीटों पर बातचीत अटकी हुई है। खासकर सोनबरसा सीट का मामला और भी महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि यहां से जदयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है।
पार्टी की ओर से जब एनडीए ने सीट शेयरिंग की लिस्ट जारी की, तो इसमें सोनबरसा सीट को LJP (R) के खाते में बताया गया था। लेकिन, नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ कर दिया कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है। चर्चा है कि रत्नेश सदा आज यानी मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे, जिससे इस सीट पर टकराव की स्थिति बन गई है।
चुनाव मैदान में साफ हो चुका है विपक्ष: संजय झा
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “विपक्ष के लोग ये जानते हैं कि वे चुनाव मैदान में साफ हो चुके हैं। इसी कारण वे एनडीए के भीतर चल रही गतिविधियों के बारे में भ्रम पैदा कर रहे हैं। नीतीश कुमार चुनावी मैदान के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और वे एनडीए के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे। हर एक विषय पर उनकी नजर है। एनडीए एकजुट है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही ये चुनाव संभव है।”
इस प्रकार, बिहार चुनाव 2025 की राजनीतिक स्थिति में परिवर्तन और पेंचों के बीच, एनडीए और विपक्ष दोनों के लिए यह चुनाव एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।