LJP (R) की संभावित सीटों की लिस्ट: एनडीए में चिराग पासवान की बढ़ी ताकत



बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे का इंतजार खत्म हो गया है। रविवार को पटना में हुई…

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे का इंतजार खत्म हो गया है। रविवार को पटना में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद भाजपा और जेडीयू ने सीटों का बंटवारा करने पर सहमति बना ली है। दोनों दलों ने **101-101** सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को **29 सीटें** दी गई हैं। इसके अलावा, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को **6-6** सीटें दी गई हैं। यह बंटवारा कई दिनों की गहन चर्चा और रणनीति के बाद तय किया गया है।

चिराग पासवान के लिए संभावित सीटें

सूत्रों के अनुसार, लोक जनशक्ति पार्टी (आर) को जिन प्रमुख सीटों पर उम्मीदवार उतारने का अवसर मिला है, उनमें शामिल हैं:

  • लालगंज
  • गायघाट
  • दानापुर
  • ब्रह्मपुर
  • अरवल
  • रोसड़ा
  • बखरी
  • साहेबपुर कमाल
  • राजा पाकड़
  • हायघाट
  • एकमा
  • मढ़ौरा
  • अगिआंव
  • ओबरा
  • गया
  • हिसुआ
  • फतुहा
  • राजगीर
  • कदवा
  • सोनबरसा
  • बलरामपुर
  • गोविंदपुर
  • सिमरी बख्तियारपुर
  • मखदूमपुर
  • कसबा
  • सुगौली
  • मोरवा

इन सीटों पर चिराग पासवान अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकते हैं, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और भी मजबूत होने की संभावना है।

मोदी के हनुमान: 40 सीटों की जोरदार मांग

यह सीट बंटवारा पिछले कई दिनों से पटना और दिल्ली में चल रही राजनीतिक चर्चाओं का परिणाम है। चिराग पासवान ने शुरुआत में अपनी पार्टी के लिए **40 सीटों** की मांग की थी, जिसके लिए उन्होंने कई दौर की बातचीत की। भाजपा नेतृत्व के सामने चिराग की यह मांग एक बड़ी चुनौती बन गई थी। हालांकि, अंततः भाजपा को **29 सीटें** देने पर सहमति बनानी पड़ी। यह माना जा रहा है कि यह फैसला भाजपा और जेडीयू दोनों के हिस्से से तीन-तीन सीटें घटाकर लिया गया है।

पिछले चुनाव का अनुभव: जेडीयू को नुकसान

पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने अकेले चुनावी मैदान में उतरकर जेडीयू को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाने का काम किया था। इस बार भाजपा किसी भी कीमत पर चिराग को अपने साथ बनाए रखना चाहती थी। सूत्रों के अनुसार, पहले चिराग को **26 सीटों** का ऑफर दिया गया था, इसके साथ ही राज्यसभा और एमएलसी सीट का वादा भी किया गया था, लेकिन चिराग अपनी **30 सीटों** की मांग पर अड़े रहे। अंततः भाजपा नेतृत्व को झुकना पड़ा और उन्हें **29 सीटें** देने का फैसला करना पड़ा।

चिराग पासवान का किंगमेकर का रोल

इस बंटवारे के बाद एनडीए का राजनीतिक समीकरण अब पूरी तरह स्पष्ट हो गया है। भाजपा और जेडीयू अब बराबरी की ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे, लेकिन केंद्र में सबसे मजबूत स्थिति चिराग पासवान की है। एनडीए की इस नई साझेदारी में चिराग न केवल एक संतुलन साधने वाले चेहरे के रूप में उभरे हैं, बल्कि उनकी राजनीतिक ताकत भी बढ़ती दिखाई दे रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग की यह नई भूमिका उन्हें और उनकी पार्टी को किस दिशा में ले जाती है।

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