Bihar News: Discontent के बीच नाराज नीतीश कुमार बांटने लगे सिंबल, BJP के भी 45 कैंडिडेट ने खरीदा नामांकन फार्म



Bihar Election 2025: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, लेकिन इस बार NDA में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच मतभेद…

Bihar Election 2025: पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, लेकिन इस बार NDA में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा और जदयू के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। जहां एक ओर जदयू के नेता नीतीश कुमार पार्टी के सिंबल बांटने में जुटे हैं, वहीं भाजपा ने भी अपने 45 प्रत्याशियों को नामांकन पत्र दाखिल करने का निर्देश दे दिया है। सोमवार को इन नेताओं ने नामांकन फार्म खरीदा, और अब ये सभी अगले दो दिनों में नामांकन करने की तैयारी कर रहे हैं। जदयू ने सीट शेयरिंग के फार्मुले को अस्वीकार करते हुए उन सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है, जिन्हें चिराग पासवान को दिए जाने की चर्चा थी। दिल्ली में भाजपा और अन्य घटक दलों के बीच तय हुए फार्मूले को खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरू कर दिया है।

सोनवर्षा सीट को लेकर सबसे बड़ा टकराव

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच बढ़ते मतभेदों का सबसे बड़ा कारण सोनवर्षा सीट बन गई है। यह सीट राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का केंद्र बनी हुई है। जदयू के विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को इस बार भी पार्टी ने टिकट दिया है, जबकि इस सीट को पहले NDA की साझा सूची में LJP (R) के खाते में रखा गया था। नीतीश कुमार ने सोमवार को रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है। रत्नेश सदा मंगलवार को नामांकन दाखिल करने वाले हैं। इस बीच, जदयू ने बिहार चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक सूची भी तैयार कर ली है। उल्लेखनीय है कि मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं और वे 14 अक्टूबर को नामांकन करेंगे।

जदयू ले सकता है बड़ा फैसला

नीतीश कुमार ने पहले ही जदयू के लिए **103 सीटें** फाइनल की थीं, लेकिन NDA में सीटों के बंटवारे के दौरान पार्टी को केवल **101 सीटें** ही मिलीं। इनमें से 9 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। कई सीटें पहले लोजपा (रामविलास) के खाते में दी गई थीं, जिससे जदयू असंतुष्ट है। इस असंतोष के बीच भाजपा ने उन **45 प्रत्याशियों** को नामांकन करने का निर्देश दिया है जिन सीटों पर कोई विवाद नहीं है। ये सभी नेता अगले दो दिनों में अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। कुम्हरार से विधायक अरुण कुमार का टिकट काट दिया गया है, जबकि कुम्हरार से संजय गुप्ता को चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। अरुण कुमार ने पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है।

भाजपा ने मैदान में उतारे कई दिग्गज

भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में अपने कई दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है। लंबे समय से बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे मंगल पांडेय को इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ने का अवसर मिला है। पार्टी ने इन्हें सीवान से चुनाव लड़ने को कहा है। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय, मंत्री नितिन नवीन को बांकीपुर, संजय सरावगी को दरभंगा, जीवेश मिश्रा को जाले, नीतीश मिश्रा को झंझारपुर और नीरज कुमार सिंह बबलू को छातापुर से नामांकन करने का निर्देश दिया गया है। ये सभी नेता पिछले चुनाव में इन्हीं सीटों से सफलता हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा, बेनीपट्टी से विनोद नरायण झा, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर, बांका से रामनारायण मंडल, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू, साहेबगंज से राजकुमार सिंह और सहरसा से आलोक रंजन झा को भी नामांकन करने के लिए कहा गया है।

इस बार के चुनाव में भाजपा की रणनीति स्पष्ट है, जिसमें वे अपने दिग्गज नेताओं को आगे लाकर चुनावी जंग में उतरने की योजना बना रहे हैं। वहीं, जदयू की स्थिति भी दिलचस्प है, जो अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर असंतोष जता रही है। ऐसे में बिहार चुनाव 2025 में भाजपा और जदयू के बीच की यह खटास किस दिशा में जाएगी, यह आने वाले दिनों में देखने योग्य होगा।

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