Ahoi Aashtami: जानें व्रत धारण के लिए शुभ समय और आज का चौघड़िया मुहूर्त



अहोई अष्टमी: माताओं का व्रत और चौघड़िया मुहूर्त अहोई अष्टमी का महत्व अहोई अष्टमी का पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस…

अहोई अष्टमी: माताओं का व्रत और चौघड़िया मुहूर्त

अहोई अष्टमी का महत्व

अहोई अष्टमी का पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए विशेष व्रत रखती हैं। यह पर्व माताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनके बच्चों के लिए एक आशिर्वाद के समान है। इस दिन व्रत रखने के बाद माताएं शाम के समय विशेष पूजा करती हैं और कथा का पाठ करती हैं।

व्रत धारण करने की प्रक्रिया

अहोई अष्टमी का व्रत धारण करने से पहले कुछ आवश्यक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, माताओं को अपने मन को शुद्ध करना होता है और व्रत के लिए मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए। इसके बाद, पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, जो छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश से हैं, के बताए गए चौघड़िया मुहूर्त का पालन करना चाहिए। यह मुहूर्त व्रत को सही समय पर शुरू करने में मदद करता है और इसके फल को भी सकारात्मक बनाता है।

चौघड़िया मुहूर्त का महत्व

चौघड़िया मुहूर्त एक विशेष प्रकार का समय होता है, जो हिंदू धर्म में कार्यों को आरंभ करने के लिए महत्व रखता है। इस मुहूर्त के अनुसार किए गए कार्यों का फल हमेशा शुभ होता है। यदि माताएं इस मुहूर्त का ध्यान रखती हैं, तो उनका व्रत सही समय पर आरंभ होगा और उनके बच्चों पर माता का आशीर्वाद बना रहेगा।

अहोई अष्टमी की पूजा विधि

अहोई अष्टमी की पूजा विधि भी विशेष होती है। इस दिन माताएं विशेष रूप से तैयार होकर पूजा करती हैं। पूजा के दौरान एक मिट्टी की आकृति बनाई जाती है, जो अहोई माता का प्रतीक होती है। इसके साथ ही, माताएं अपने बच्चों की तस्वीर या नाम को लेकर भी पूजा करती हैं। इस दिन उन्हें विशेष रूप से फल, मिठाई और अन्य पूजा सामग्री का भोग अर्पित करना चाहिए।

समाज में अहोई अष्टमी का स्थान

अहोई अष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह समाज में माताओं के प्रति सम्मान और उनके त्याग का प्रतीक भी है। इस दिन माताएं अपने बच्चों के लिए जो व्रत करती हैं, वह उनके प्रेम का प्रतीक है। पूरे भारत में इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और यह सामाजिक एकता का भी परिचायक है।

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