पटना में बेटे के अपहरण की साजिश का पर्दाफाश
पटना के दानापुर क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां ने अपने बेटे के अपहरण की साजिश रचकर अपने परिवार की आर्थिक परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया। दानापुर के ताराचक निवासी सुनील मेहता का आटा-चावल का व्यवसाय है और उनका 11 वर्षीय बेटा 5वीं कक्षा में पढ़ता है। शनिवार को उनका बेटा अचानक लापता हो गया, जिसके बाद सुनील मेहता उसकी तलाश में जुट गए।
इसी दौरान, उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है और फिरौती के तौर पर 21 लाख रुपये की मांग की गई है। इस खतरनाक सूचना ने सुनील को हताश कर दिया। उन्होंने तुरंत दानापुर थाने में जाकर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने समय पर की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने एक विशेष टीम का गठन किया। इसमें एएसपी के नेतृत्व में थानेदार प्रशांत भारद्वाज शामिल थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिससे मामला संदिग्ध प्रतीत हुआ। पुलिस ने जल्दी से कार्रवाई करते हुए बच्चे की तलाश शुरू की।
पूछताछ के दौरान, बच्चे की मौसी संजू देवी ने अपहरण के पूरे मामले का खुलासा कर दिया। जानकारी मिली कि सुनील की पत्नी अंजू देवी ने अपने मायके वालों के साथ मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया था। बच्चे को पहले मौसी के घर भेजा गया और फिरौती की कॉल की गई।
अपहरण की साजिश का उद्देश्य
अंजू देवी का मकसद अपने पति से पैसे झटकना था, ताकि वह मायके वालों की आर्थिक स्थिति सुधार सके। पुलिस जांच में पता चला कि मौसी का परिवार और ननिहाल वाले छोटे-मोटे काम करते हैं और उन्हें पैसों की जरूरत थी। अंजू को विश्वास था कि जब उसके पति को बेटे के अपहरण की बात पता चलेगी, तो वह पैसे देने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
- मौसी संजू देवी ने अपने मोबाइल में नया सिम लगाकर मामा के पड़ोसी अनिल कुमार के साथ मिलकर फिरौती की कॉल की थी।
- मामा रेविंस कुमार बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह योजना बनाई गई थी।
- अंजू देवी ने सोचा था कि फिरौती के पैसे मायके वालों के बीच बांट दिए जाएंगे।
पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद किया
जांच के दौरान, जब अंजू देवी ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया, तो पुलिस को उस पर शक हुआ। पुलिस ने फोन करने वाले की लोकेशन ट्रैक की और उसे पटना सिटी में पाया। इसके बाद, पुलिस ने एक छापे के दौरान मौसी संजू देवी के घर से बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया। इस पूरी घटना में दानापुर पुलिस ने अंजू देवी, मौसी संजू देवी, मौसा पंकज कुमार, मामा रोविंस कुमार और पड़ोसी अनिल कुमार को गिरफ्तार किया।
समाज को संदेश
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आर्थिक तंगी और लालच के चलते लोग कितनी खतरनाक साजिशें रच सकते हैं। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि किसी भी परिस्थिति में मानवता और नैतिकता को नहीं भूलना चाहिए।
पुलिस की तत्परता और सही समय पर कार्रवाई ने न सिर्फ बच्चे की जान बचाई, बल्कि एक गंभीर आपराधिक साजिश का भी पर्दाफाश किया। यह घटना हमें यह सिखाती है कि जब हम कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो हमें सही रास्ता अपनाना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में अपराध का सहारा नहीं लेना चाहिए।
इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।