आनंद तिवारी/ बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। ऐसे में कई पूर्व अधिकारी अपनी राजनीतिक करियर की ओर कदम बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। विभिन्न विभागों के प्रमुख नौकरशाहों ने चुनाव में भाग लेने के लिए अपने इरादे जाहिर किए हैं, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल आ गई है। खासतौर पर आचार संहिता लागू होने के बाद, कई अधिकारियों ने सक्रिय रूप से चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। इनमें वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों से लेकर कई हाई-प्रोफाइल पूर्व नौकरशाह शामिल हैं।
इस बार चुनावी रणक्षेत्र में उतरने का इरादा रखने वाले कई पूर्व अधिकारी विभिन्न राजनीतिक दलों से उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ ने तो अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने का भी विचार किया है। इस बदलाव से राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल होने की संभावना है, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती है।
पूर्व आईआरएस सुजीत सिंह का बीजेपी में शामिल होना
पूर्व आईआरएस सुजीत सिंह ने हाल ही में बीजेपी में शामिल होकर गौराबौराम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सुजीत सिंह, जो इनकम टैक्स के प्रिंसिपल कमिश्नर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, अपनी प्रशासनिक ईमानदारी और विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में दक्षता के लिए जाने जाते हैं। उनकी पत्नी पहले से ही स्थानीय विधायक हैं, जिससे उनके चुनावी प्रभाव में और वृद्धि हो सकती है। उनके बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को एक सशक्त चेहरा मिला है, जो आगामी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
दिनेश राय का चुनावी सफर
राज्य के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग में सचिव पद पर पदोन्नति के बाद दिनेश राय की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। जुलाई में उनके स्वागत में उमड़े जनसैलाब ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया। उनकी यात्रा का दौरान कई स्थानों पर समर्थकों ने अभूतपूर्व स्वागत किया, जिसमें एक हजार से अधिक गाड़ियां शामिल थीं। माना जा रहा है कि वे रोहतास जिले के करहगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और जनसंपर्क के चलते वे मजबूत उम्मीदवार बन सकते हैं।
एनकाउंटर के बाद राजनीति में आए आनंद मिश्रा
बक्सर जिले के पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने अपने करियर में 150 एनकाउंटर किए हैं और अब उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। 2024 में बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद, उन्होंने हाल ही में बीजेपी में शामिल होकर पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया। अपने पुलिस करियर के दौरान ‘असम का सिंघम’ कहलाने वाले आनंद मिश्रा ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, लेकिन अब वे बीजेपी में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
जेड हसन का चुनावी इरादा
राज्य के अपर सचिव जेड हसन ने भी नाथनगर विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने बताया कि वह लंबे प्रशासनिक सेवा के बाद सामाजिक सेवा के उद्देश्य से चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे हमेशा लोगों की मदद के लिए तत्पर रहे हैं और अब वह नाथनगर क्षेत्र की जनता की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
अन्य पूर्व अधिकारियों की चुनावी योजनाएँ
हालांकि अभी तक औपचारिक नामांकन नहीं हुए हैं, लेकिन कई हाई-प्रोफाइल पूर्व अधिकारियों के चुनावी इरादों को लेकर चर्चाएँ तेज हैं। इनमें शामिल हैं:
- शिवदीप लांडे (2006 बैच आईपीएस) – अपनी विशेष पुलिसिंग शैली के लिए प्रसिद्ध, वे 2024 में वीआरएस लेकर अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
- वीके सिंह (1997 बैच के आईपीएस और पूर्व आईजी, दिल्ली पुलिस) – विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं।
- एस सिद्धार्थ (1991 बैच के आईएएस) – पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिहार शिक्षा विभाग, उन्होंने वीआरएस लेने से इनकार किया है, लेकिन उनकी सार्वजनिक सक्रियता राजनीतिक इरादों की ओर इशारा करती है।
- अरविंद कुमार सिंह, गोपाल नारायण सिंह और लल्लन यादव (आईएएस, सेवानिवृत्त) – ये सभी प्रशांत किशोर के जन सुराज आंदोलन से जुड़े हुए हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूर्व अधिकारियों की बढ़ती संख्या राजनीतिक बदलाव की एक नई लहर को दर्शाती है। यह चुनावी प्रक्रिया राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है। आने वाले समय में इन पूर्व अधिकारियों की राजनीतिक यात्रा पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
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