बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है। चुनावी मौसम में सियासी पारा चढ़ने लगा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है, जिसमें कुल 71 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस पहली सूची के माध्यम से BJP ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी ने चुनाव की शुरुआत में ही बड़े नामों और अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताते हुए चुनावी माहौल तैयार करना शुरू कर दिया है।
BJP ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारा
BJP ने इस बार चुनाव को और भी दिलचस्प बना दिया है। इसके पीछे की मुख्य वजह यह है कि पार्टी ने अपने दोनों उपमुख्यमंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी तारापुर से और डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से चुनाव लड़ेंगे। इस रणनीति के जरिए BJP ने साफ कर दिया है कि वह इस बार अपने बड़े चेहरों को सामने लाकर विपक्ष को चुनौती देने की योजना बना रही है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पार्टी ने चुनाव को गंभीरता से लेते हुए सशक्त उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
BJP ने 12 मंत्रियों को दिया फिर से मौका
BJP ने अपनी पहली सूची में 12 मंत्रियों को फिर से चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। इनमें प्रमुख नाम हैं:
- तारापुर से सम्राट चौधरी
- लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा
- बछवारा से सुरेंद्र मेहता
- कुढ़नी से केदार प्रसाद गुप्ता
- अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू
- सिवान से मंगल पांडेय
- छातापुर से नीरज कुमार बबलू
- दरभंगा से संजय सरावगी
- बिहार शरीफ से डॉ. सुनील कुमार
- जाले से जिवेश कुमार मिश्रा
- साहेबगंज से राजू कुमार सिंह
- सिकटी से विजय कुमार मंडल
- बांकीपुर से नितिन नबीन
इस सूची में शामिल ये सभी नेता पूर्व में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं और एक बार फिर से BJP ने उन पर विश्वास जताया है।
विधानसभा अध्यक्ष का काटा टिकट
इस पहली सूची में कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने से पार्टी के भीतर हलचल तेज हो गई है। इस निर्णय से सबसे चौंकाने वाला नाम है विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव का। नंद किशोर यादव बिहार BJP के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं और वे पटना साहिब सीट से अब तक सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। उनके टिकट काटने से पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसे BJP को चुनावी रणनीति में ध्यान में रखना होगा।
इस बार का चुनाव बिहार की राजनीति में कई बदलाव लेकर आ सकता है। BJP के इस कदम से ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी अपने पुराने और अनुभवी नेताओं के साथ ही नए चेहरों को भी उतारने का प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस चुनावी चुनौती का कैसे सामना करता है और चुनावी रणनीति के तहत कौन-कौन से नए मोड़ सामने आते हैं।
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