“Bowled Out: तेजस्वी की गुगली से NDA होगा क्लीन बोल्ड, बिहार में दो बार मनाई जाएगी दिवाली, सीट बंटवारे पर RJD नेता ने किया बड़ा खुलासा”



बिहार चुनाव 2025: राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी राय व्यक्त की…

बिहार चुनाव 2025: राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस बार महागठबंधन की सरकार बनने की पूरी संभावना है और बिहार की जनता इस बार दो बार दीपावली मनाने जा रही है। पहली बार दीपावली 20 अक्टूबर को और दूसरी बार 14 नवंबर को मनाई जाएगी। तिवारी ने यह भी बताया कि तेजस्वी यादव की रणनीति से एनडीए गठबंधन पूरी तरह से कमजोर हो जाएगा। उनका यह भी कहना है कि एनडीए के भीतर तनाव बढ़ चुका है, जो जदयू विधायकों के विरोध से स्पष्ट है। अब जनता बदलाव चाहती है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार का गठन करना चाहती है जो रोजगार और विकास पर ध्यान केंद्रित करे।

महागठबंधन की तैयारियां और सीट बंटवारे की स्थिति

मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि महागठबंधन पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार है और जनता ने डबल इंजन सरकार को हटाने का मन बना लिया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेजस्वी यादव के इशारे पर भाजपा के कई विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं, जिससे एनडीए की स्थिति कमजोर हो जाएगी। सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। एनडीए गठबंधन इस मुद्दे पर लगातार सवाल उठा रहा है, जिससे उनकी स्थिति में और कमजोरी आ रही है।

तिवारी ने यह भी कहा कि महागठबंधन को जनता का समर्थन प्राप्त है और वे इस बार चुनाव में एक नई सरकार बनाने में सफल होंगे। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं और जनता की उम्मीदें भी बदल रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव की गुगली से एनडीए को क्लीन बोल्ड होना तय है।

एनडीए का सीट बंटवारा और बीजेपी की सूची

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला जारी कर दिया है। जबकि दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक में अभी भी बातचीत जारी है। राजद नेताओं का मानना है कि अगले एक-दो दिनों में सीट बंटवारे की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी। इस बीच, बीजेपी ने अपने 71 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।

इस सूची में कई प्रमुख नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जिनमें सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, विजय सिन्हा, नितिन नविन, नीतीश मिश्रा, रामकृपाल यादव जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वहीं, सीतामढ़ी और रीगा के मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है, जो कि पार्टी के भीतर असंतोष का संकेत भी हो सकता है।

चुनावों के प्रचार में तेजी

जैसे-जैसे चुनावों की तिथि नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच प्रचार-प्रसार की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। सभी दल अपने-अपने चुनावी मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। राजद की कोशिश है कि वे रोजगार और विकास के मुद्दों को प्राथमिकता दें, जबकि बीजेपी अपनी केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रही है।

बिहार की राजनीति में इस बार युवा मतदाता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। चुनावी मुद्दों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास के मुद्दे प्रमुख रह सकते हैं। इसलिए सभी दलों को यह समझना होगा कि मतदाताओं की अपेक्षाएं क्या हैं और उन्हें कैसे पूरा किया जा सकता है।

बिहार की जनता अब एक नई दिशा की ओर बढ़ने को तैयार है और यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने मतदाता अपने मत का उपयोग करते हैं और किस पार्टी को सत्ता में लाते हैं। इस बार के चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होंगे और परिणामों का असर न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की राजनीति पर पड़ेगा।

अंत में, यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार चुनाव 2025 एक नई राजनीतिक दिशा को जन्म दे सकता है। सभी दलों को अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप अपने चुनावी वादों को पूरा करना होगा।

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