बिहार चुनाव 2025: पटना। बिहार विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही जनता दल (यूनाइटेड) को एक बड़ा झटका लगा है। भागलपुर के सांसद अजय मंडल ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। अजय मंडल ने अपने त्यागपत्र में पार्टी संगठन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में उनकी राय की अनदेखी की जा रही है और इससे वे निराश हैं। अजय मंडल ने चिट्ठी में स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी पार्टी की नीति के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया, फिर भी पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज किया है।

स्थानीय सांसद की राय की अनदेखी
अजय मंडल ने पार्टी प्रमुख को भेजे पत्र में कहा है कि “मेरे क्षेत्र में मेरी राय की अनदेखी हो रही है।” उन्होंने टिकट बंटवारे की प्रक्रिया और स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी पर भी नाराज़गी जताई है। उन्होंने आगे लिखा कि पिछले 20-25 वर्षों से वे पार्टी और जनता की सेवा कर रहे हैं, लेकिन अब उनकी राय को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इस स्थिति ने उन्हें पार्टी से अलग होने के लिए मजबूर कर दिया है।
समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी
सांसद मंडल ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि पार्टी के कुछ लोग उनके लोकसभा क्षेत्र में टिकट बांटने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनसे इस संदर्भ में कोई राय नहीं ली गई। इसके साथ ही, जिलाध्यक्ष और जिला कमेटी के प्रस्ताव को संगठन स्तर पर खारिज कर दिया गया है। अजय मंडल ने कहा कि संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं की लगातार अनदेखी हो रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जा रहा है जो पार्टी के लिए कोई योगदान नहीं दे रहे हैं। इस सबके कारण पार्टी में उनके लिए काम करना अब कठिन हो गया है।
अजय मंडल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि उनकी इस स्थिति के कारण वे संसद के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। यह कदम जदयू के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, खासकर जब बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ चल रही हैं। उनका इस्तीफा पार्टी के भीतर चल रही आंतरिक कलह को उजागर करता है और यह दर्शाता है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की आवाज़ को कितना महत्व दिया जा रहा है।
बिहार चुनाव 2025 पर प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अजय मंडल का इस्तीफा एक संकेत है कि जदयू में असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी को इस समय एकजुट रहने की जरूरत है, लेकिन इस प्रकार के इस्तीफे पार्टी के भीतर के मुद्दों को उजागर करते हैं। ऐसे समय में जब चुनाव नजदीक हैं, पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं की राय और उनके अनुभव को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर पार्टी इस स्थिति को नहीं संभाल पाती, तो इसका सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है।
- अजय मंडल ने अपनी चिट्ठी में गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पार्टी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी से असंतोष बढ़ रहा है।
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए यह इस्तीफा महत्वपूर्ण है।
- जदयू को अपने कार्यकर्ताओं की राय को गंभीरता से लेना होगा।
इस प्रकार, अजय मंडल का इस्तीफा जदयू के लिए एक बड़ा झटका है और पार्टी को यह विचार करने की आवश्यकता है कि कैसे वे अपने कार्यकर्ताओं को पुनः जोड़ सकते हैं और उनके साथ संवाद स्थापित कर सकते हैं। इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व को जल्द ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि आगे की चुनौतियों का सामना किया जा सके।