Emotion: इकरा हसन ने पूर्व सांसद पर सवाल उठाए, समाज की बेटियों का अपमान?



सपा सांसद इकरा हसन का भावुक बयान, मंदिर तोड़ने की घटना पर उठाए सवाल जागरण संवाददाता, सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के कैराना से सपा सांसद इकरा हसन बुधवार को गंगोह के…

सपा सांसद इकरा हसन का भावुक बयान, मंदिर तोड़ने की घटना पर उठाए सवाल

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के कैराना से सपा सांसद इकरा हसन बुधवार को गंगोह के गांव छापुर में अपने समर्थकों के बीच एक संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने पहुंचीं। इस दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने अपने विरोधियों को कटघरे में खड़ा करते हुए गालियों के प्रकरण पर बात की। इकरा ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही हैं।

इकरा हसन ने अपने समर्थकों से पूछा कि वे उनके प्रति की गई गालियों के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी के नजदीकी समर्थक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें लोकल भाषा में अपमानित किया गया था। यह घटना न सिर्फ इकरा के लिए बल्कि पूरे समाज की महिलाओं के लिए एक अपमान है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या पूर्व सांसद अपने समर्थक की गालियों का खंडन करेंगे और क्या इस पर कोई कार्रवाई की जाएगी।

गांव में शिव मंदिर तोड़ने की घटना का संदर्भ

इस मुद्दे की जड़ तीन अक्टूबर को गंगोह क्षेत्र के गांव छापुर में हुई एक गंभीर घटना में है। उस दिन असामाजिक तत्वों ने शिव मंदिर को क्षति पहुंचाई थी, जिसके बाद हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष रोहित प्रधान ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने युवाओं के साथ बाइक रैली निकाली और सांसद इकरा हसन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गालियां दी। यह घटना भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने रोहित के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इकरा हसन ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है और कहा कि मंदिर तोड़ने जैसी घटनाएं समाज में अस्थिरता पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में आपसी विश्वास को भी नष्ट करती हैं।

सांसद के बयान पर पूर्व सांसद का पक्ष जानने की कोशिश

सांसद इकरा हसन के इस बयान को लेकर पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी से संपर्क करने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया। इस स्थिति ने सवाल उठाए हैं कि क्या पूर्व सांसद इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय रखेंगे या फिर वह चुप्पी साधे रहेंगे।

इकरा हसन ने अपने समर्थकों से कहा कि वह यह जानने आई हैं कि उन्हें कितना समर्थन मिल रहा है और क्या उनकी गलती है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा, “आजकल कुछ लोग नफरत फैलाने में लगे हैं। यह स्थिति सभी के लिए चिंताजनक है।” उनके अनुसार, समाज को एकजुट होकर इस तरह की समस्या का समाधान करना चाहिए।

समाज में नफरत फैलाने वाली घटनाएं

इकरा हसन के बयान और गंगोह में हुई घटना ने समाज में नफरत फैलाने वाली घटनाओं पर एक बार फिर से ध्यान केंद्रित किया है। ऐसे मामलों में अक्सर देखा जाता है कि राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्थिति समाज में विभाजन पैदा करती है और इसके परिणामस्वरूप नागरिकों के बीच तनाव बढ़ता है।

सांसद ने अपने समर्थकों से इस बात पर चर्चा की कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है और समाज में एकता कैसे स्थापित की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को अपने भीतर से नफरत को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

निष्कर्ष

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि राजनीतिक और धार्मिक मुद्दों के बीच की रेखा कितनी बारीक होती है। सांसद इकरा हसन के बयान और उनकी भावनाएं इस बात का संकेत हैं कि समाज में एकजुटता और समझदारी की कितनी आवश्यकता है। अगर हम सभी एकजुट होकर समाज में नफरत फैलाने वाली घटनाओं का विरोध करें, तो हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

इस पूरे मामले में आगे क्या होगा, यह देखने के लिए सभी की नजरें पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी और इकरा हसन पर टिकी रहेंगी।

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