Fake Khoya Found: टेलकम पाउडर में मिलाकर किया गया था तैयार



उत्तर प्रदेश में नकली खोआ का भंडाफोड़, खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई जागरण संवाददाता, लखनऊ। क्या आपने कभी सोचा है कि जिस खोए को आप स्वादिष्ट मिठाई के लिए उपयोग…

उत्तर प्रदेश में नकली खोआ का भंडाफोड़, खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई

जागरण संवाददाता, लखनऊ। क्या आपने कभी सोचा है कि जिस खोए को आप स्वादिष्ट मिठाई के लिए उपयोग कर रहे हैं, उसमें असल में दूध का कोई अंश नहीं है? हाल ही में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की एक टीम ने लखनऊ के आदर्श विहार कॉलोनी स्थित एक मकान पर छापा मारकर आठ क्विंटल से अधिक नकली खोआ और इसे तैयार करने की सामग्री बरामद की। यह खोआ दरअसल टेलकम पाउडर, रिफाइंड, स्टार्च और विभिन्न रसायनों को मिलाकर बनाया जा रहा था, जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है। इस मामले में मिलावटखोर दीपक के खिलाफ एफएसडीए ने रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

दीपावली जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, ऐसे में मिलावट के खिलाफ अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। एफएसडीए को सूचना मिली थी कि पारा रिंग रोड के पास एक मकान में नकली खोआ का निर्माण किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर सहायक आयुक्त खाद्य विजय प्रताप सिंह ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की।

छापेमारी के दौरान बरामद सामग्री

जांच के दौरान टीम ने वहाँ से 202 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर, 65 किलोग्राम स्टार्च, 505 किलोग्राम संदिग्ध सफेद पाउडर, 60 किलोग्राम माल्टोडेक्स्ट्रिन पाउडर और बड़ी मात्रा में वनस्पति घी तथा विभिन्न प्रकार के रंग बरामद किए।

इस सामग्री को तुरंत नष्ट कर दिया गया। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी जे पी सिंह ने बताया कि बुधवार को जांच के दौरान अलग-अलग स्थानों से 15 नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर भी मिलावट की जांच लगातार चल रही है। खामियों के मिलने पर कई प्रतिष्ठानों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के जनरल मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. विक्रम सिंह ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार के मिलावटी खोआ का सेवन करने से कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “जिस तरह से इसमें रंग और अन्य रसायन मिलाए गए हैं, वह एलर्जी, अस्थमा और न्यूरो से संबंधित गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।”

प्रो. सिंह ने यह भी बताया कि नकली खोआ खाने से लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके सेवन से पेट दर्द, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि लोग अपने घर पर ही खोआ बनाएं ताकि उनकी सेहत बेहतर रहे।

खाद्य सुरक्षा के लिए जागरूकता जरूरी

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूकता बहुत आवश्यक है। उपभोक्ताओं को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जो खाद्य सामग्री खरीद रहे हैं, वह सुरक्षित और गुणवत्ता वाली हो। मिलावटखोरी केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

इसलिए, यह आवश्यक है कि सभी लोग मिलावट के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और ऐसे मामलों की सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। यदि हम सब मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

उत्तर प्रदेश की अन्य खबरें पढ़ें

Author:-

Exit mobile version