“Child Kidnapping: मेरठ में गिरोह का भंडाफोड़, नर्स के घर से बच्चा सुरक्षित, तीन गिरफ्तार”



मेरठ में बच्चा चोर गिरोह का भंडाफोड़: हरिद्वार से अगवा किया गया तीन माह का बच्चा नर्स के घर से बरामद, तीन गिरफ्तार उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बच्चा…

मेरठ में बच्चा चोर गिरोह का भंडाफोड़: हरिद्वार से अगवा किया गया तीन माह का बच्चा नर्स के घर से बरामद, तीन गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसने हरिद्वार से एक तीन माह के बच्चे को अगवा कर उसे नर्स के घर में बेचने का प्रयास किया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। यह घटना न केवल मेरठ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लिसाड़ी गेट के आस मोहम्मद, शहनाज और सलमा के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों ने बच्चे को हरिद्वार से अगवा किया और फिर उसे मेरठ की एक नर्स को बेचने का प्रयास किया। यह गिरोह इस तरह की घटनाओं में पहले भी शामिल रहा है, और पुलिस इसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी।

नवजात शिशु, new born baby – फोटो : अमर उजाला

पुलिस की कार्रवाई और बच्चा सुरक्षित

पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए कंकरखेड़ा क्षेत्र से बच्चे को सुरक्षित रूप से उसके परिजनों के पास लौटाया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के सक्रिय होने की सूचना पहले से थी, लेकिन इस बार उनकी गतिविधियों को रोकने में सफलता मिली है।

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे और भी बच्चों को अगवा करने की योजना बना रहे थे। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामलों में सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

बच्चा चोरी की बढ़ती घटनाएं

हाल के समय में बच्चा चोरी की घटनाएं पूरे देश में तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल बच्चों की सुरक्षा पर खतरा होता है, बल्कि उनके परिवारों पर भी मानसिक दबाव बढ़ता है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और उचित कदम उठाएं।

सामुदायिक जागरूकता

इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि समाज में जागरूकता फैलाना कितना आवश्यक है। परिवारों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को देनी चाहिए। बच्चा चोरी के मामलों को रोकने के लिए सामुदायिक सहयोग भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

मेरठ में हुई इस घटना ने एक बार फिर से बच्चा चोरी की समस्या को उजागर किया है। पुलिस की तत्परता और कार्रवाई से बच्चे को सुरक्षित वापस लाया गया है, लेकिन समाज को इस समस्या से निपटने के लिए और भी प्रयास करने होंगे। हमें मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट होना होगा।

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