“Festival” धनतेरस से भाई दूज तक, दीपोत्सव के सभी पर्वों का पूरा कैलेंडर और शुभ मुहूर्त यहां जानें



दीपावली का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार **रोशनी** का प्रतीक होने के साथ-साथ **अंधकार पर प्रकाश**, **धर्म पर अधर्म** और **अच्छाई पर बुराई** की…

दीपावली का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह त्योहार **रोशनी** का प्रतीक होने के साथ-साथ **अंधकार पर प्रकाश**, **धर्म पर अधर्म** और **अच्छाई पर बुराई** की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस त्योहार को आमतौर पर **अक्टूबर-नवंबर** में मनाया जाता है और इसकी शुरुआत **धनतेरस** से होती है, जो भाई दूज तक जारी रहता है। यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह पूरे **पांच दिनों** तक चलने वाला पर्व है। दीपावली के प्रत्येक दिन का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है, और प्रत्येक आयोजन के लिए विशिष्ट शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किए जाते हैं। यदि आप 2025 में दिवाली को सही मुहूर्त और परंपराओं के अनुसार मनाना चाहती हैं, तो इसके कैलेंडर की जानकारी लेना अत्यंत आवश्यक है। सही जानकारी के साथ, आप इस पर्व की पूजा शुभ मुहूर्त के अनुसार कर सकती हैं। आइए, हम **ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी** से जानते हैं इस साल दीपों के पर्व से जुड़ी सभी त्योहारों की सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त विस्तार से।

धनतेरस पूजा की तिथि और मुहूर्त (Dhanteras Kab Hai 2025)

दीपावली के पर्व का आरंभ धनतेरस से होता है, जो इस वर्ष **18 अक्टूबर**, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी **माता लक्ष्मी** और **भगवान धन्वंतरि** की विशेष पूजा होती है। इसके साथ ही इस दिन धन के देवता **कुबेर** का पूजन भी विधि-विधान से किया जाता है। धनतेरस के दिन की पूजा का महत्व विशेष होता है क्योंकि इसे धन और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त: 18 अक्टूबर, शाम 7:15 से रात्रि 8:19 बजे तक
  • प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त: 18 अक्टूबर, सायं 5:48 से रात्रि 8:19 बजे तक
  • यदि आप प्रदोष व्रत का पालन करती हैं तो इसी काल में पूजन शुभ होगा।

नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली 2025 कब है? (Chhoti Diwali 2025)

दिवाली से ठीक एक दिन पहले का पर्व **छोटी दिवाली** या **नरक चतुर्दशी** कहलाता है, जिसे काली चौदस भी कहा जाता है। इस वर्ष, तिथि अधिक होने की वजह से नरक चतुर्दशी **20 अक्टूबर** को मनाई जाएगी। यह दिन भी विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण है।

  • नरक चतुर्दशी तिथि आरंभ: 19 अक्टूबर 2025, रविवार दोपहर 1:51 बजे
  • नरक चतुर्दशी तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार, दोपहर 3:44 बजे तक
  • उदया तिथि के अनुसार इस साल नरक चतुर्दशी 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी।

दिवाली 2025 कब है? (Diwali Kab Hai 2025)

इस साल दीपावली का पर्व **21 अक्टूबर**, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है। दिवाली का पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की **अमावस्या** तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से घरों में **दीप जलाने** और **सुख-समृद्धि** की कामना के लिए होता है।

  • दिवाली लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि आरंभ: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार दोपहर 3:45 से
  • दिवाली लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि समापन: 21 अक्टूबर 2025 सायं 5:54 बजे तक
  • ऐसे में उदया तिथि के अनुसार दीपावली का पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
  • दिवाली लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर के दिन यदि आप शाम 5:54 बजे से पहले करेंगी तो आपके लिए शुभ होगा।

गोवर्धन पूजा कब है? (Govardhan Puja Kab Hai 2025)

दीपावली के अगले दिन **गोवर्धन पूजा** की परंपरा है, जिसे **अन्नकूट उत्सव** के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर में गाय के गोबर से **गोवर्धन पर्वत** बनाया जाता है और भगवान **श्रीकृष्ण** की पूजा होती है। इस दिन श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है जिसमें **56 भोग** शामिल होते हैं। इस साल गोवर्धन पूजा **22 अक्टूबर**, बुधवार को मनाई जाएगी।

  • गोवर्धन पूजा का सुबह का मुहूर्त: 22 अक्टूबर, प्रातः 6:26 से 8:42 बजे तक
  • गोवर्धन पूजा सायं कालीन मुहूर्त: 22 अक्टूबर, दोपहर 3:29 से शाम 5:44 बजे तक

भाई दूज कब है? (Bhai Dooj Kab Hai 2025)

दीपावली उत्सव का आखिरी दिन **भाई दूज** को होता है, जिसे **यम द्वितीया** के नाम से भी जाना जाता है। यह भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस साल भाई दूज का पर्व **23 अक्टूबर**, गुरुवार को मनाया जाएगा।

  • द्वितीया तिथि आरंभ: 22 अक्टूबर 2025, रात्रि 08:16 से
  • द्वितीया तिथि समाप्त: 23 अक्टूबर 2025, रात्रि 10:46 बजे तक
  • भाई दूज पूजा का शुभ मुहूर्त: दोपहर 23 अक्टूबर 1:13 से 3:28 बजे तक

अगर आप यहां बताए गए मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए दिवाली के उत्सव का पूजन करेंगी तो आपके जीवन में **सदैव खुशहाली** बनी रहेगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे **फेसबुक** पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें **हरजिंदगी** से।

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