BJP ने बिहार चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी की: मैथिली ठाकुर सहित 12 उम्मीदवार नामित



बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को 12 सीटों के लिए अपने…

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा

बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को 12 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में भाजपा ने प्रसिद्ध गायक मैथिली ठाकुर को आलिनगर सीट से और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को बक्सर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।

इस सूची के अनुसार, भाजपा ने राम चंद्र प्रसाद को हयागढ़, रंजन कुमार को मुजफ्फरपुर, सुभाष सिंह को गोपालगंज, केदार नाथ सिंह को बनियापुर, छोटी कुमारी को चापर, विनय कुमार सिंह को सोनपुर, बीरेंद्र कुमार को रोसरा, सियाराम सिंह को बरह, महेश पासवान को अगिआन और राकेश ओझा को शाहपुर सीट से उतारा है।

भाजपा की पहली सूची की विशेषताएँ

इससे पहले, पार्टी ने मंगलवार को 71 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। पहली सूची में, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को क्रमशः तारापुर और लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के लिए चुना गया है।

भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्रियों रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद को क्रमशः बेतिया और कटिहार सीटों से उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रामकृपाल यादव को डानापुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि रामकृपाल यादव कभी राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी सहयोगी रह चुके हैं।

इस 71 सदस्यीय सूची में नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं, जिनमें रेणु देवी (बेतिया), गायत्री देवी (परिहार), देवंती यादव (नरपतगंज), स्वीटी सिंह (किशनगंज), निशा सिंह (प्राणपुर), कविता देवी (कोरहा – अनुसूचित जाति) और रमा निषाद (औराई) शामिल हैं।

इस चुनाव में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने यह घोषणा की है कि भाजपा और जदयू समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि 29 सीटें लोजपा के लिए निर्धारित की गई हैं। यह सहयोगी दलों के बीच एक महत्वपूर्ण रणनीति है, जो एक दूसरे के समर्थन से चुनावी मैदान में उतरने का प्रयास कर रहे हैं।

भाजपा की चुनावी रणनीति

भाजपा की इस चुनावी रणनीति में उम्मीदवारों का चयन और उनकी पृष्ठभूमि का विशेष ध्यान रखा गया है। पार्टी ने अनुभवी नेताओं और युवाओं दोनों को मैदान में उतारा है, जिससे यह संदेश जाता है कि भाजपा न केवल परंपरा को बनाए रखना चाहती है बल्कि नई पीढ़ी को भी अवसर प्रदान कर रही है।

संगीत, कला, और सेवा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को चुनावी मैदान में लाना भाजपा की एक नई पहल है, जिससे यह दिखता है कि पार्टी विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रही है। यह चुनावी रणनीति निश्चित रूप से पार्टी को युवा मतदाताओं के बीच लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी।

भाजपा के इस प्रयास को देखते हुए, अन्य राजनीतिक दलों को भी अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। आगामी चुनावों में मतदाता क्या चाहते हैं, यह समझना जरूरी होगा। भाजपा का यह कदम एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जिसमें वह अपने उम्मीदवारों को विभिन्न पृष्ठभूमियों से चुनकर एक समावेशी चुनावी अभियान चलाने की कोशिश कर रही है।

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