बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। एनडीए में सीट बंटवारे के बाद अब उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हो रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को इस बार 29 सीटें मिली हैं। सोमवार को एनडीए की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसे अंतिम समय में टाल दिया गया। इस निर्णय के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है, जिससे सियासी गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं।
चिराग पासवान के संभावित उम्मीदवारों की सूची
वर्तमान में, लोजपा (आर) की जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं, उनमें कई चर्चित चेहरे शामिल हैं। उम्मीदवारों की सूची में ऐसे नाम हैं जो पहले से ही राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं और जिनका स्थानीय स्तर पर अच्छा प्रभाव है।
- मढ़ौरा: अयूब खान के बेटे सैफ अली खान
- ब्रह्मपुर: पूर्व विधायक सुनील पांडेय के भाई हुलास पांडेय
- साहेबपुर कमाल: सुरेंद्र विवेक
- लालगंज: रमा सिंह या उनकी बेटी श्वेता सिंह
- मोरवा: अभय सिंह
- सिमरी बख्तियारपुर: संजय सिंह
- राजापाकड़: मृणाल पासवान के बेटे
- गाय घाट: सांसद वीणा देवी की बेटी कोमल
- दानापुर: लालू यादव के साले सुभाष यादव के बेटे रणधीर यादव
- फतुहा: रामकृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु यादव
- बखरी: संजय पासवान
- अरवल: सुनील यादव
- मखदुमपुर: रानी चौधरी
- अगिआंव: ज्योति देवी
- हायाघाट: शाहनवाज अहमद कैफी
- राजगीर: परशुराम पासवान
- हिलसा: रंजीत डॉन की पत्नी कुमारी दीपिका
- एकमा: कमेश्वर सिंह उर्फ मुन्ना
- ओबरा: प्रकाश चंद्र
- गया: श्याम देव पासवान
- कदवा: विभूति पासवान
- बलरामपुर: संगीता कुमारी
- सोनबरसा: रीना पासवान
- हिसुआ: धीरेंद्र मुन्ना
- कसबा: शंकर झा बाबा
- सुगौली: (नाम तय नहीं)
युवा चेहरों पर जोर दे रहे चिराग पासवान
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान ने उम्मीदवारों के चयन में जातीय संतुलन और युवा चेहरों को प्राथमिकता दी है। यह उनकी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे वे युवा मतदाताओं को आकर्षित कर सकें। वहीं, एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, जबकि हम पार्टी और रालोमो 6-6 सीटों पर चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
हालांकि, कुछ नेता सीट बंटवारे से असंतुष्ट भी हैं। जैसे उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी असहमति जताई है, जबकि जीतनराम मांझी ने स्पष्ट किया है कि वे “हर हाल में एनडीए के साथ” रहेंगे। इस स्थिति ने एनडीए गठबंधन के भीतर एक नई गतिशीलता पैदा कर दी है और सभी दलों को अपने-अपने मतदाताओं को साधने के लिए नई रणनीतियों पर विचार करना होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवारों की यह सूची और उनके चयन की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि राजनीतिक दल किस तरह से चुनावी रणनीतियों को लागू कर रहे हैं। चिराग पासवान की रणनीति यह संकेत करती है कि वे न केवल पारंपरिक वोटरों को ध्यान में रख रहे हैं, बल्कि युवा मतदाताओं को भी अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति कितना सफल होती है।