Powerstar पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह का बड़ा एलान, इस विधानसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव



बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच, काराकाट सीट सियासी हलचल का नया केंद्र बन गई है।…

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच, काराकाट सीट सियासी हलचल का नया केंद्र बन गई है। भोजपुरी फिल्म स्टार और भाजपा नेता पवन सिंह की पार्टी में वापसी ने जहां राजनीतिक वातावरण को गरमा दिया है, वहीं उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है। पवन सिंह ने हाल ही में ऐलान किया था कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उनके इस फैसले के तुरंत बाद ज्योति सिंह ने अपनी चुनावी योजनाओं से सबको हैरान कर दिया है।

ज्योति सिंह ने काराकाट से चुनाव लड़ने का किया ऐलान

ज्योति सिंह ने प्रभात खबर से बातचीत में स्पष्ट किया कि वे काराकाट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि यह तय नहीं है कि उन्हें किसी पार्टी का टिकट मिलेगा या वे निर्दलीय रूप से चुनाव में उतरेंगी, लेकिन इस पर फैसला अगले दो दिनों में हो जाएगा। पिछले कुछ हफ्तों से ज्योति सिंह काराकाट क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वे महिलाओं से संवाद करती नजर आती हैं और गांवों में चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुनती हैं। उनके पिता का कहना है कि ज्योति ने वर्षों से इस क्षेत्र में काम किया है, जिससे स्थानीय लोगों में उनके प्रति गहरी पहचान बनी है।

ज्योति की प्रशांत किशोर से हुई मुलाकात

ज्योति सिंह की जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) से मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाएं शुरू कर दी हैं। हालांकि, ज्योति ने इस मुलाकात को राजनीतिक रंग देने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वे केवल अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को साझा करने के लिए गई थीं, न कि किसी राजनीतिक टिकट की मांग करने। इस तरह की मुलाकातों से उनके राजनीतिक भविष्य पर असर पड़ सकता है, लेकिन अब यह देखना होगा कि वे किस दिशा में आगे बढ़ती हैं।

पवन और ज्योति के बीच पारिवारिक विवाद

पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच पिछले कुछ दिनों से पारिवारिक विवाद चल रहा है। दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं। ज्योति ने पवन पर आरोप लगाया है कि वे उनकी चुनावी महत्वाकांक्षा के खिलाफ हैं। पवन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके ऊपर चुनाव लड़ाने का प्रेशर डाला जा रहा है, जो उनके हाथ में नहीं है। इस पारिवारिक विवाद ने उनके राजनीतिक करियर पर भी असर डालने की संभावना पैदा कर दी है।

पवन सिंह की वापसी से एनडीए को होगा लाभ

पवन सिंह की भाजपा में वापसी के बाद, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, भभुआ और औरंगाबाद जैसे जिलों में भाजपा को संभावित लाभ हो सकता है। पिछले चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में भी काराकाट में एनडीए को नुकसान हुआ था। पवन सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार काराकाट से 2,74,723 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जिसमें उपेंद्र कुशवाहा जैसे दिग्गज नेता को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उनकी वापसी से एनडीए को इस क्षेत्र में मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह देखना दिलचस्प होगा कि पवन और ज्योति सिंह की राजनीतिक रणनीतियां कैसे विकसित होती हैं और वे अपने-अपने क्षेत्रों में कितनी सफलता प्राप्त कर पाते हैं। इस बार के चुनाव में काराकाट सीट पर खास नजर रहेगी, क्योंकि यहां की राजनीतिक तस्वीर बदलने की पूरी संभावना है।

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